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Hindi News विदेश यूरोप अमेरिका को लगा झटका, रूस का दावा 'मुस्लिम देश हम पर लगाए प्रतिबंधों के खिलाफ', करेंगे व्यापार

अमेरिका को लगा झटका, रूस का दावा 'मुस्लिम देश हम पर लगाए प्रतिबंधों के खिलाफ', करेंगे व्यापार

रूसी उप प्रधानमंत्री ने कहा कि 'यह मंच एक ऐसा स्थान बन गया है जहां इकट्ठा हुए मुस्लिम देश हमारा समर्थन करते हैं। मुस्लिम जगत के देश किसी भी रूस पर लगाए गए किसी भी प्रतिबंध के खिलाफ हैं।

अमेरिका को लगा झटका, रूस का दावा 'मुस्लिम देश हम पर लगाए प्रतिबंधों के खिलाफ', करेंगे व्यापार- India TV Hindi Image Source : FILE अमेरिका को लगा झटका, रूस का दावा 'मुस्लिम देश हम पर लगाए प्रतिबंधों के खिलाफ', करेंगे व्यापार

Russia News: दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका को रूस के दावे से करारा झटका लगा है। रूस ने दावा किया है कि मुस्लिम देश रूस पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के खिलाफ हैं। वे पश्चिम के प्रतिबंधों का समर्थन नहीं करते हैं। रूसी उप प्रधानमंत्री मरात खुस्नुलिन ने कहा है कि मुस्लिम देश अमेरिका और पश्चिमी देशों के रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का समर्थन नहीं करते हैं। 

इस हफ्ते के कजान आर्थिक मंच पर हस्ताक्षर किए गए समझौते से यह साबित होता है। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी है। आरटी के अनुसार, खुस्नुलिन ने कहा कि रूस और इस्लामिक सहयोग संगठन के देशों के प्रतिनिधिमंडलों को कजान शहर में 'रूस-इस्लामिक वल्र्ड' फोरम में लाने के परिणामस्वरूप सैकड़ों बैठकें हुईं। इस दौरान 100 से अधिक व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

मुस्लिम देश रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों के खिलाफ

रूसी उप प्रधानमंत्री ने कहा कि 'यह मंच एक ऐसा स्थान बन गया है जहां इकट्ठा हुए मुस्लिम देश हमारा समर्थन करते हैं। मुस्लिम जगत के देश किसी भी रूस पर लगाए गए किसी भी प्रतिबंध के खिलाफ हैं। इनमें सऊदी अरब और मिस्र जैसे देशों ने तो बाकायदा औपचारिक रूप से रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों की निंदा की है।  किसी भी इस्लामिक राष्ट्र ने पश्चिम का अनुसरण करते हुए मास्को पर आर्थिक प्रतिबंध नहीं लगाया है।' 

मुस्लिम जगत से बिना रोकटोक करोबार जारी

रूसी उपप्रधानमंत्री के अनुसार मुस्लिम देशों और रूस के बीच कारोबार काफी हद तक बिना रोकटोक के जारी रहा है। रूसी डिप्टी पीएम खुस्नुलिन ने कहा कि कृषि उत्पादों, कच्चा तेल प्रसंस्करण और बैंकिंग पर द्विपक्षीय समझौते सहित कई और डील पर काम चल रहा है।

अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा के निर्माण से बढ़े हुए व्यापार को समर्थन मिलेगा। यह गलियारा 7,200 किलोमीटर का होगा और इसमें भारत, ईरान, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच कार्गो की आवाजाही के लिए जहाज, रेल और सड़क मार्ग शामिल होंगे।

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