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Hindi News विदेश यूरोप ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक का बड़ा ऐलान, प्रदर्शनकारियों पर सख्ती को लेकर दिया आदेश, जानिए वजह

ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक का बड़ा ऐलान, प्रदर्शनकारियों पर सख्ती को लेकर दिया आदेश, जानिए वजह

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने देश के पुलिस प्रमुखों से कहा है कि प्रदर्शन भीड़ तंत्र में तब्दील नहीं हों, यह सुनिश्चित करने के लिए वे अपने सारे अधिकारों का इस्तेमाल करें।

ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक - India TV Hindi Image Source : PTI ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक

British PM Rishi Sunak: ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक हाल ही में नस्लवाद के बारे में अपने बयान से काफी चर्चा में रहे हैं। भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रधानमंत्री ​ऋषि सुनक ने अपने देश में प्रदर्शनकारियों पर सख्ती बरतने को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने साफतौर पर ऐसी हिदायतें दी हैं, जिससे भीड़तंत्र यानी प्रदर्शनकारियों पर सख्ती बरती जा सके। इसके चलते ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने पुलिस प्रमुखों से ‘भीड़ तंत्र’ पर सख्ती बरतने को कहा है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने देश के पुलिस प्रमुखों से कहा है कि प्रदर्शन भीड़ तंत्र में तब्दील नहीं हों, यह सुनिश्चित करने के लिए वे अपने सारे अधिकारों का इस्तेमाल करें। ब्रिटिश भारतीय नेता बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय सह आधिकारिक निवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट में एक बैठक के बाद बोल रहे थे। बैठक के दौरान मंत्री और वरिष्ठ पुलिस प्रमुख एक नए लोकतांत्रिक पुलिसिंग प्रोटोकॉल पर सहमत हुए। 

क्यों किया प्रदर्शनकारियों पर सख्ती का ऐलान?

ब्रिटेन के सांसदों के लिए बढ़ती सुरक्षा चिंताओं और इजराइल-हमास संघर्ष को लेकर ब्रिटेन में बड़े पैमाने पर निकाले गए मार्च के दौरान हिंसा के बाद प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी आई है। सुनक ने कहा, 'इस बात पर आम सहमति बढ़ रही है कि भीड़तंत्र लोकतांत्रिक शासन की जगह ले रहा है। हमें सामूहिक रूप से इसे तत्काल रोकना होगा।' उन्होंने कहा कि हिंसक और डराने वाले ऐसे व्यवहार की अनुमति नहीं दी जा सकती है जिसका मकसद स्वतंत्र बहस और निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपना काम करने से रोकना है। 

नस्लवाद पर बयान से हाल ही में रहे चर्चा में

गौरतलब है कि ब्रिटेन के पीएम हाल के समय में नस्लवाद पर अपने बयान के कारण चर्चा में रहे हैं। उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि उन्होंने बचपन में नस्लवाद को महसूस किया। उनके माता-पिता ने उन्हें नाटक की अतिरिक्त कक्षा के लिए भेजा, ताकि वह अन्य बच्चों की तरह ‘अच्छे तरह से बोल’ सकें। एक टीवी चैनल पर सुनक ने अपना दर्द बयां किया था। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता उनके उच्चारण को लेकर काफी सचेत थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नस्लवाद किसी भी रूप में पूरी तरह से अस्वीकार्य है। 

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