Russia News: रूस ने ब्लैक सी अनाज निर्यात सौदे में अपनी भागीदारी को समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस बारे में क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने सोमवार को कहा कि मॉस्को से संबंधित समझौते का हिस्सा पूरा नहीं होने के कारण यह कदम उठाया गया है। सरकारी टीएएसएस समाचार एजेंसी ने पेस्कोव के हवाले से कहा, 'काला सागर समझौते अब प्रभावी नहीं हैं। रूसी राष्ट्रपति ने इसकी समय सीमा 17 जुलाई बताई थी। 17 जुलाई को इस निर्यात सौदे में रूस ने अपनी भागीदारी को समाप्त करने का निर्णय लिया है। दरअसल, रूस और यूक्रेन के बेल्ट में पूरी दुनिया का 25 फीसदी अनाज प्रोडक्शन होता है। यदि समझौते से रूस पीछे हटा तो पूरी दुनिया और खासकर अफ्रीका और खाड़ी देशों में अनाज का बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।
क्रीमिया पुल ब्लास्ट से इस निर्णय का कोई लेना देना नहीं
प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि सौदे की समाप्ति का सोमवार को क्रीमिया पुल ब्लास्ट से कोई लेनादेना नहीं है, जो कि रूस की मुख्य भूमि को कब्जे वाले क्रीमिया प्रायद्वीप से जोड़ता है। पेस्कोव ने कहा, 'अनाज सौदे में भागीदारी के निलंबन पर रूस की स्थिति आज क्रीमिया पुल पर आतंकवादी कार्रवाई से पहले घोषित की गई थी और यह हमला मॉस्को के फैसले को बिल्कुल भी प्रभावित नहीं करता है। ये घटनाएं एक-दूसरे से बिल्कुल असंबद्ध हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस आतंकवादी हमले से पहले भी अनाज सौदे पर रूस स्थिति बता दी थी।'
जुलाई 2022 में साइन हुई थी डील
यूक्रेन और रूस दोनों गेहूं, जौ, वनस्पति तेल और अन्य खाद्य उत्पादों के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं जिन पर अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया के कुछ देश निर्भर हैं।
रूस और यूक्रेन जंग के बीच, दोनों देशों ने जुलाई 2022 में इस्तांबुल में तुर्की और संयुक्त राष्ट्र के साथ काला सागर अनाज पहल पर अलग से हस्ताक्षर किए, जो काला सागर बंदरगाहों से यूक्रेनी अनाज और अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात की अनुमति देता है। यह पहल, शुरुआत में 120 दिनों के लिए प्रभावी थी। नवंबर 2022 के मध्य में इसे 120 दिनों के लिए 18 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया। उस समय, रूस केवल 60 दिनों के लिए सौदे को बढ़ाने पर सहमत हुआ।
इस तारीख को वादे से पीछे हटा रूस
रूस 17 मई को इस समझौते को अगले 60 दिनों के लिए बढ़ाने पर सहमत हुआ था। एक समानांतर समझौते के रूप में रूस और संयुक्त राष्ट्र ने रूसी खाद्य और उर्वरक निर्यात की सुविधा पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। हालांकि, सौदे के इस हिस्से पर बहुत कम प्रगति हुई थी, जिससे रूस में असंतोष पैदा हुआ और आखिरकार सोमवार को समाप्ति की घोषणा की गई।
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