A
Hindi News विदेश यूरोप हंगरी के उपन्यासकार लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार, टॉप पर रहे ऑस्ट्रेलियाई लेखक हारे

हंगरी के उपन्यासकार लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार, टॉप पर रहे ऑस्ट्रेलियाई लेखक हारे

दुनिया के प्रतिष्ठित साहित्य के नोबेल पुरस्कार की भी घोषणा बृहस्पतिवार को कर दी गई है। यह पुरस्कार हंगरी के उपन्यासकार और पटकथा लेखक लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई को दिया गया है।

साहित्य का नोबेल पुरस्कार- India TV Hindi Image Source : AP साहित्य का नोबेल पुरस्कार

बुडापेस्टः दुनिया के प्रतिष्ठित साहित्य के नोबेल पुरस्कार की भी घोषणा बृहस्पतिवार को कर दी गई है। यह पुरस्कार हंगरी के उपन्यासकार और पटकथा लेखक लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई को दिया गया है।  इस साल का साहित्य का नोबेल पुरस्कार उन्हें  "उनके प्रभावशाली और दूरदर्शी साहित्यिक कार्यों के लिए दिया गया है, जो प्रलयकारी भय के बीच भी कला की शक्ति की पुष्टि करते हैं।" 

 

बुकमेकर्स की भविष्यवाणी क्या कहती थी? 

बुकमेकर्स (शर्त लगाने वाले) अक्सर नोबेल अकादमी की पसंद को सही नहीं पकड़ पाते, लेकिन वे साहित्यिक दुनिया की उम्मीदों और पक्षपात को जरूर दर्शाते हैं। इस साल हंगरी के  लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई (6/1)  बुकमेकर्स की सूची में दूसरे स्थान पर थे, जबकि  ऑस्ट्रेलियाई लेखक जेराल्ड मर्ने  (5/1) शीर्ष पर थे। मगर लास्जलो ने बाजी मार ली। इस दौड़ में शामिल अन्य दावेदारों में  मेक्सिको की  क्रिस्टिना रिवेरा गार्ज़ा  (9/1),  जापानी लेखक  हरुकी मुराकामी  (11/1), रोमानिया के  मिर्चिया कर्तारेस्कु, अमेरिका के  थॉमस पिंचन और चीन की  चान शुए शामिल रहे। 


पहला साहित्य का नोबेल किसे मिला था

  •   साहित्य का पहला नोबेल पुरस्कार फ्रांसीसी कवि सुली प्रुधोम  को 1901 में मिला था।
  •   स्वीडन की सेल्मा लागरलोफ़  1909 में यह पुरस्कार जीतने वाली पहली महिला बनीं। 
  •   साहित्य का नोबेल सबसे ज्यादा संख्या में फ्रांस के कवियों और साहित्यकारों ने जीते हैं। इनकी संख्या अब तक 16 रही है।  
  •   अब तक 124 वर्षों में केवल  18 महिलाओं  को यह पुरस्कार मिला है।
  •   लियो टॉल्स्टॉय ,  वर्जीनिया वूल्फ , और  जेम्स जॉयस  जैसे महान लेखकों को कभी यह सम्मान नहीं मिला।
  •   वहीं  जां-पॉल सार्त्र  और  बोरिस पास्तर्नाक  जैसे कुछ विजेताओं ने यह पुरस्कार अस्वीकार कर दिया या लेने से रोके गए।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                 

    प्रलय के भविष्यवक्ता की झोली में गया नोबेल

     नोबेल पुरस्कार 2025 "प्रलय के भविष्यवक्ता" कहे जाने वाले लास्जलो के खाते में गया। उनको साहित्य के सर्वोच्च सम्मान नोबेल से नवाजा गया है। हंगरी के उपन्यासकार और पटकथा लेखक  लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई  को 2025 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार उनकी गहन, प्रलयकारी शैली और दार्शनिक गहराई के लिए दिया गया है। अक्सर उन्हें  "प्रलय का लेखक"  कहा जाता है। उनकी रचनाएं उस मानवीय स्थिति को दर्शाती हैं जब सभ्यता पतन के कगार पर होती है, लेकिन उसी अराजकता में विश्वास, सौंदर्य और अस्तित्व की संभावना भी नजर आती है। 

    ये हैं लास्जलो के प्रमुख उपन्यास

    उनके प्रमुख उपन्यासों  में  Satantango ,  The Melancholy of Resistance  और  Baron Wenckheim’s Homecoming  शामिल हैं। उनकी लेखन शैली लंबी, सम्मोहक और चक्रवात-सी है। जैसे खुद अराजकता की भाषा हो, जो निराशा, आस्था और विडंबना के बीच घूमती है। उनकी रचनाओं में भले ही दुनिया बिखरती हो, लेकिन उस टूटन में भी वे सौंदर्य और जिजीविषा खोज लेते हैं।

Latest World News