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Hindi News विदेश यूरोप रोक सको तो रोक लो... अमेरिका के विरोध के बीच S-400 पर आया रूस का बड़ा बयान, दबाव के बावजूद समय पर की डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति

रोक सको तो रोक लो... अमेरिका के विरोध के बीच S-400 पर आया रूस का बड़ा बयान, दबाव के बावजूद समय पर की डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति

India Russia S-400 Deal: भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों की आशंका को दरकिनार करते हुए एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयों की खरीद के लिए रूस के साथ अक्टूबर 2018 में पांच अरब अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

India Russia S-400 Deal- India TV Hindi Image Source : INDIA TV India Russia S-400 Deal

Highlights

  • भारत ने रूस के साथ 2018 में किया था समझौता
  • शुरू से ही इस समझौते के खिलाफ रहा है अमेरिका
  • रूस ने कहा किभारत को समय पर की गई आपूर्ति

India Russia S-400 Deal: रूस ने बुधवार को कहा कि उसने अपनी सबसे उन्नत लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली एस-400 की आपूर्ति वाशिंगटन और अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के बावजूद भारत को समय पर की। उसने कहा कि मॉस्को और नई दिल्ली उनके राष्ट्रीय हितों के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने इस सप्ताह उज्बेकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक बैठक से पहले यह टिप्पणी की, जहां दोनों नेताओं के रणनीतिक स्थिरता, एशिया प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और संयुक्त राष्ट्र और जी20 के भीतर द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा करने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, 'अमेरिकी दबाव के बावजूद, भारत अपने राष्ट्रीय हितों के लिए अडिग रहने का इरादा रखता है, खासकर जब देश की रक्षात्मक क्षमताओं के निर्माण के मुद्दों की बात आती है। इसलिए, हम मानते हैं कि अंतर सरकारी समझौते, विशेष रूप से यहां एस-400 सिस्टम की आपूर्ति के संबंध में, लागू किए जाएंगे।' अलीपोव ने सरकारी टीएएसएस समाचार एजेंसी को बताया, 'हम और हमारे भारतीय साझेदार समय सीमा सहित संबंधित प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में रुचि रखते हैं।' गौरतलब है कि भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों की आशंका को दरकिनार करते हुए एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयों की खरीद के लिए रूस के साथ अक्टूबर 2018 में पांच अरब अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

Image Source : File PhotoUS on India Russia S-400 Deal

बीते साल भेजी थी पहली यूनिट

रूस ने पिछले साल दिसंबर में एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पहली इकाई की आपूर्ति की थी। वहीं इससे पहले अमेरिका ने एस-400 की भारत को आपूर्ति किए जाने पर चिंता प्रकट की थी। पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही थी। एस-400 को लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली रूस की सबसे आधुनिक शस्त्र प्रणाली माना जाता है। 

इस आपूर्ति पर भारतीय वायु सेना की तरफ से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है, लेकिन रूस की सैन्य-तकनीक सहयोग के लिए संघीय सेवा (एफएसएमटीसी) के निदेशक दमित्री शुगाएव ने स्पुतनिक समाचार एजेंसी को बताया था कि इन मिसाइल की आपूर्ति योजनाबद्ध तरीके से की जा रही है। 

अमेरिका ने जताई थी चिंता

पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने प्रेस ब्रीफिंग में एक प्रश्न के उत्तर में कहा था, ‘हम इस प्रणाली को लेकर अपनी चिंता अपने भारतीय साझेदारों से बहुत स्पष्ट तरीके से जता चुके हैं।’ उनसे पूछा गया था कि रक्षा विभाग भारत को एस-400 की पहली खेप मिलने को लेकर कितना चिंतित है। समझा जाता है कि मिसाइल प्रणाली के कुछ कलपुर्जों की आपूर्ति शुरू हो गई है और सभी महत्वपूर्ण घटक अभी भारत नहीं पहुंचे हैं। 

हालांकि, किर्बी ने संकेत दिया कि अमेरिका ने अभी इस बारे में फैसला नहीं किया है कि भारत और रूस के बीच लेन-देन से कैसे निपटा जाए। उन्होंने कहा, ‘हमें उस प्रणाली को लेकर निश्चित रूप से चिंता है, लेकिन मेरे पास आपके लिए कोई ताजा जानकारी नहीं है।’ 

Image Source : india tvIndia Russia S-400 Deal

अमेरिका ने बताया था खतरनाक

अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमन ने पिछले महीने भारत यात्रा के दौरान कहा था कि कोई भी देश एस-400 मिसाइलों के उपयोग का फैसला करता है तो यह ‘खतरनाक’ है और किसी के सुरक्षा हित में नहीं है। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई थी कि अमेरिका और भारत खरीद को लेकर मतभेदों को सुलझा लेंगे। समझा जाता है कि भारत और अमेरिका के बीच इस मामले पर विचार चल रहा है। 

भारत ने अक्टूबर 2018 में एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयां खरीदने के लिए रूस के साथ पांच अरब डॉलर का समझौता किया था। उस समय ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि इस तरह के सौदे पर अमेरिका पाबंदियां लगा सकता है। बाइडेन प्रशासन ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि वह अपने कानून के प्रावधानों के तहत भारत पर एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए प्रतिबंध लगाएगा या नहीं। 

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