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Russia Ukraine News : जेलेंस्की का NATO देशों पर बड़ा बयान, कहा - रूस से डरते हैं इसलिये हमें स्वीकार नहीं कर रहे

एक इंटरव्यू में यू्क्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने कहा- 'नाटो को या तो अब कहना चाहिए कि वे हमें स्वीकार कर रहे हैं, या खुले तौर पर कहें कि वे हमें स्वीकार नहीं कर रहे हैं। क्योंकि वे रूस से डरते हैं जो सच है।'

Zelensky's big statement on NATO- India TV Hindi Image Source : ANI (FILE PHOTO) Zelensky's big statement on NATO

Highlights

  • जेलेंस्की का NATO देशों पर बड़ा बयान
  • रूस से डरते हैं NATO देश- जेलेंस्की
  • नाटो साफ करे हम उसे स्वीकार हैं या नहीं- जेलेंस्की

कीव: रूस के हमले का सामना कर रहे यू्क्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की एक बार फिर NATO पर भड़के हैं। सस्पिलने( Public Broadcasting Company of Ukraine) को दिए एक इंटरव्यू में जेलेंस्की ने कहा- ' नाटो को या तो अब कहना चाहिए कि वे हमें स्वीकार कर रहे हैं, या खुले तौर पर कहें कि वे हमें स्वीकार नहीं कर रहे हैं। क्योंकि वे रूस से डरते हैं जो  सच है।'

नाटो से क्यों नाराज़ हैं जेलेंस्की?

इससे पहले जेलेंस्की कई बार अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं। कुछ दिन पहले उनका यह भी बयान आया था कि 'उनके देश को नाटो का सदस्य बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है।'
दरअसल रूस-यूक्रेन के बीच जंग जब से शुरू हुई है, तब से यूक्रेन में रूस हर दिन भारी तबाही मचा रहा है। रूसी सेना के ड्रोन लगातार हमले कर रहे हैं। बड़े स्तर पर नुकसान हो रहा है। ऐसे में जेलेंस्की चाहते थे कि नाटो यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन बना दे, लेकिन नाटो ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। 

नाटो का तर्क क्या है?

नाटो ने जेलेंस्की की नो-फ्लाई जोन की मांग को खारिज करते हुए कहा था-' नाटो ऐसा नहीं कर सकता। क्योंकि नाटो के इस फैसले से परमाणु हथियार से लैस रूस का रुख बदल सकता है और यूरोपीय देशों के साथ एक नई जंग शुरू हो सकती है। इसका असर कई देशों पर पड़ेगा और यह ऐतिहासिक मानवीय त्रासदी में तब्दील हो सकती है।'

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सोमवार देर रात कहा कि वह संघर्ष-विराम, रूसी सैनिकों की वापसी और यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी के बदले में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की सदस्यता नहीं लेने के विषय पर चर्चा करने को तैयार हैं। जेलेंस्की ने यूक्रेन के एक टेलीविजन को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘यह हर किसी के लिए एक समझौता है। पश्चिम के लिए, जो नहीं जानता कि नाटो के संबंध में हमारे साथ क्या करना है। यूक्रेन के लिए, जो सुरक्षा गारंटी चाहता है और रूस के लिए भी, जो नाटो का विस्तार नहीं चाहता है।’’ जेलेंस्की ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ सीधी बातचीत के अपने आह्वान को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि जब तक वह पुतिन से नहीं मिलते, यह समझना असंभव है कि क्या रूस भी युद्ध को रोकना चाहता है या नहीं। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष-विराम और सुरक्षा गारंटी प्रदान करने की दिशा में कदम उठाए जाने के बाद ही रूस समर्थित अलगाववादियों के कब्जे वाले क्रीमिया तथा पूर्वी दोनबास क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा करने के लिए तैयार होगा। 

 

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