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Hindi News चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज कश्मीरी पंडितों ने अपनी पैतृक भूमि पर लौटने के लिए किया मतदान

कश्मीरी पंडितों ने अपनी पैतृक भूमि पर लौटने के लिए किया मतदान

अवतार कृष्ण (79) की अंतिम इच्छा है कि अपनी शेष जिंदगी कश्मीर के अपने पैतृक घर में गुजारें और कई विस्थापित कश्मीरी पंडितों की तरह इस बुजुर्ग ने भी बृहस्पतिवार को इस उम्मीद में मतदान किया कि नई सरकार उनकी तीन दशक पुराने ‘‘निर्वासन’’ का खात्मा करेगी।

<p>Voters wait in a long queue to cast their votes for the...- India TV Hindi Voters wait in a long queue to cast their votes for the first phase of the 2019 Lok Sabha elections, at a polling station in Handwara, north Kashmir

जम्मू: अवतार कृष्ण (79) की अंतिम इच्छा है कि अपनी शेष जिंदगी कश्मीर के अपने पैतृक घर में गुजारें और कई विस्थापित कश्मीरी पंडितों की तरह इस बुजुर्ग ने भी बृहस्पतिवार को इस उम्मीद में मतदान किया कि नई सरकार उनकी तीन दशक पुराने ‘‘निर्वासन’’ का खात्मा करेगी। कृष्ण उन सात लाख कश्मीरी पंडितों में शामिल हैं जो 1989-90 में आतंकवाद के फैलते ही घाटी छोड़कर भाग खड़े हुए थे।

भारत में बृहस्पतिवार को 89 अन्य लोकसभा सीटों के साथ ही जम्मू-कश्मीर के बारामूला और जम्मू संसदीय क्षेत्रों में पहले चरण में मतदान हुआ। कृष्ण ने कहा, ‘‘मैंने फिर इस उम्मीद से मतदान किया है कि नई सरकार कश्मीर में मेरी वापसी और पुनर्वास सुनिश्चित करेगी।’’ उन्होंने कश्मीर के बारामूला के एक उम्मीदवार के लिए जम्मू के जागती शिविर में मतदान किया। यह शिविर उन चार शिविरों में शामिल है जहां कश्मीरी पंडित रहते हैं। जगती में करीब 15 हजार निवासी हैं।

उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के एक सुदूरवर्ती गांव के अपने घर से 1990 में भागे 79 वर्षीय कृष्ण ने कहा कि उन्होंने एक ही इच्छा से मतदान किया कि वह अपने घर लौट सकें। कृष्ण ने कहा, ‘‘मैंने 1996, 2002, 2008 और 2014 के विधानसभा चुनावों और 1999, 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों में वोट दिया। तब से कितनी सरकारें बन गईं लेकिन ‘घर वापसी’ की मेरी समस्या का समाधान नहीं हुआ।’’