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Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड 'इमोशन से भरा बंदा राजनीति में टिक नहीं सकता', रजत शर्मा के शो 'आप की अदालत' में एक्टर सोनू सूद

'इमोशन से भरा बंदा राजनीति में टिक नहीं सकता', रजत शर्मा के शो 'आप की अदालत' में एक्टर सोनू सूद

एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood) का मानना है कि राजनीति में आने वाले व्यक्ति के पास मजबूत पीठ होनी चाहिए, वरना भावनाओं (इमोशन) से भरा व्यक्ति राजनीति में टिक नहीं सकता।

Sonu Sood in Aap Ki Adalat- India TV Hindi Sonu Sood in Aap Ki Adalat

इंडिया टीवी पर रजत शर्मा के खास शो 'आप की अदालत' में सोनू सूद ने अपनी जिंदगी से जुड़े कई बड़े खुलासे किए। रजत शर्मा के इस सवाल पर कि अमिताभ बच्चन राजनीति में गए थे लेकिन कुछ साल बाद वापस आ गए और कहा था कि 'राजनीति एक गंदा नाला है', सोनू सूद ने उत्तर दिया - "जितना मुझे थोड़ा सा तजुर्बा हुआ है, लोग उंगलियां उठाते हैं। लोग कहते हैं कि अगर इस दुनिया में आना है तो अपनी पीठ तो मजबूत रखनी पड़ेगी क्योंकि लोग पीठ पर शाबाशी देते हैं, और छुरा भी इसी पे घोंपते हैं। मुझे लगता है अगर आप उंगली उठाने वाले लोगों की बातें सुन सकते हैं, तो आप सरवाइव कर सकते हैं, पर अगर आप इमोशन से बहुत भरे हुए हैं, तो मुझे नहीं लगता कि हर बंदा यहां पर सरवाइव कर सकता है।"

कोविड महामारी और लॉकडाउन के समय सोनू सूद ने जिस तरह आम लोगों के लिए बस, ट्रेन, फ्लाइट, ऑक्सीजन सिलिंडर और दवाओं का इंतज़ाम किया, उसकी काफी तारीफ हुई है। सोनू सूद ने कहा, "मुझे (राजनीतिक दलों से) बहुत बड़े बड़े ऑफर आए, ऐसे पोस्ट जिस पर पहुंचने में सालों लग जाते हैं, राज्यसभा के लिए भी ऑफर मिले, पर मुझे लगा कि मैं इसके लिए तैयार नहीं हूं। अभी उसके लिए  वक्त है, जब तक अंदर से जोश न आए, वह करने के लिये, (राजनीति में) ये plunge नहीं लेना चाहिए, तो मैंने कहा, मुझे नहीं करना। कइयों ने बोला कि तुम्हें जो ऑफर कर रहे हैं, लोगों की पूरी ज़िंदगी निकल जाती है, उसे पाने के लिए, पर मेरी ज़िंदगी के लक्ष्य कुछ और थे, और अभी भी हैं। "

रजत शर्मा - प्रियंका गांधी ने आपको फोन किया?

सोनू सूद -  "बिल्कुल, प्रियंका जी ने किया था, बल्कि सबसे पहले किया था और कहा कि बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। स्मृति ईरानी जी ने भी मुझे कॉल किया था, बूस्ट अप किया था, कहा, just keep the good work going, तो ये matter करता है, आपको लगता है आप सही रास्ते पर चल रहे हो। "

रजत शर्मा - बहुत सारे मुख्यमंत्रियों के बयान देखे, पंजाब के मुख्यमंत्री थे कैप्टन अमरिंदर सिंह, उस समय उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रावत थे, उड़ीसा के मुख्यमंत्री, सब लोगों ने तारीफ में ट्वीट किया ।

सोनू सूद -" बिलकुल। जब मैने फ्लाइट्स शुरु की। जो पहली फ्लाइट उड़ी थी हिन्दुस्तान में। वह कोच्चिं का पास एक जगह है, एर्नाकुलम, वहां तकरीबन 170 लड़कियां स्टिचिंग फैक्ट्री में काम करती थी जो फंस गई थीं। मैंने उनके लिये रात में फ्लाइट की स्पेशल परमिशन निकलवाई। उन्हें एर्नाकुलम से कोच्चि रात 3:30 बजे लेकर आया, सुबह मुझे 1:30 बजे परमिशन मिली थी एयरपोर्ट खुलवाने के लिए। और मैं उनको कोच्चिं से भुवनेश्वर लेकर आया था, (नवीन) पटनायक , सर, जो सीएम हैं वहां के, उन्होंने कहा thank you so much for serving 170 girls, तो सबने सराहा था। that kept me going।" 'आप की अदालत' में सोनू सूद को आप आज सुबह 10 बजे शो के रिपीट टेलिकास्ट में एक बार और देख सकते हैं।

Image Source : India TV'आप की अदालत' में सोनू सूद।

रजत शर्मा - लेकिन जो राजनेता होते हैं, वे बगैर फायदे के किसी की भी सराहना नहीं करते 
सोनू सूद - "लेकिन इस बार की थी, इस बार exception था, ये उनकी महानता थी कि they acknowledged, कि मैं ठीक कर रहा हूं। मै बस हाथ जोड़ कर थैंक यू बोलता रहा।"

जब रजत शर्मा ने पूछा कि इतने मजदूरों और छात्रों को लॉकडाउन के समय घर भिजवाना, इसके लिए पैसे कहां से मिले, तो सोनू सूद का जवाब था - " जब मैंने शुरू किया तो मुझे पता था कि जिस लेवल की डिमांड आ रही है लोगों की, आप दो दिन भी टिक नहीं सकते। मुझे लगा कि इसको जोड़ें कैसे। तो मैं जितने brands पर काम कर रहा था, उनको donations पर लगाया। मैने hospitals को doctors को, कॉलेज को, टीचर्स को, दवा कंपनियों को, हर बंदे को इस काम में लगाया। मैंने कहा, मेरी brand appearance चाहिए, मैं फ्री में काम करूंगा, तो वे जुड़ते गये और अपने आप काम हो गया। कुछ बड़े NGOs ने मुझे फोन किये, कहा कि सोनू देश की 130 करोड़ आबादी है, आप सरवाइव नहीं कर पाओगे, मैंने कहा, जो मेरे घर के नीचे आता है, तो मैं उसे मना नहीं कर सकता। आज जम्मू से लेकर कन्याकुमारी तक, किसी भी छोटे जिले या छोटे राज्य, कोई भी, कहीं पे भी, आप बोलें, मैं किसी को पढा सकता हूं, मैं किसी का इलाज करवा सकता हूं, मैं किसी को नौकरी दिला सकता हूं, आप एक फोन करेंगे, मैं करवा दूंगा।" 

रजत शर्मा - इतने सारे लोगों के लिए बस, ट्रेन का इंतजाम करना, फिर आपने अपनी वेबसाइट पर लिखा कि 4 हजार छात्रों को कुर्दिस्तान, कजाकिस्तान से लाए, ये सब हवाई जहाज से आए, ये कोई सस्ता काम नहीं है? 

सोनू सूद - "जो छात्र afford कर पा रहे थे, उन्होंने अपने टिकट के पैसे दिए, ऐसा नहीं कि मैंने सबको टिकट दी, मैंने कहा जो अफोर्ड कर सकते हैं, वो करें, और नहीं कर सकते, तो हम इंतजाम करेंगे, हम उन्हें लेकर आए, कजाकिस्तान, उजबेकिस्तान, जॉर्जिया, फिलस्तीन, रशिया, वहां से कोई फ्लाइट नहीं उड़ रही थी, इन देशों के ऑफिस, इन देशों को अम्बेसडर, किसी को मैंने नहीं छोड़ा, मैं 24 घंटे बस यही काम करता था। एयरलाइन्स की परमिशन और उनको लाने में। हां, सब अपने आप होता था, लगे भी बहुत फंड्स, लेकिन बहुत से लोगों ने खुद ही पे (भुगतान) किया। "

रजत शर्मा - आप कह रहे हैं कि 400-500 लोग हर रोज आपके घर के बाहर आते हैं, सबकी अलग अलग तरह की मांगें होती हैं, कैसे पूरी करवाते हैं, कोई कहता है, घर बनवा दो, किसी को आप कहते हैं, तुमको ट्रैक्टर देता हूं। सब चीजों पर खर्चा तो होता ही है। 

सोनू सूद - "खर्चा तो होता ही है। कुछ समय पहले मैं दुबई गया। वहां इमिग्रेशन के पास एक व्यक्ति आया, कहा, मैं फलाने अस्पताल का डायरेक्टर हूं, क्या मैं आपके साथ सेल्फी ले सकता हूं, और फिर कहने लगे आपने हमारे बंगलुरु में एक bone marrow transplant करवाया था, और केरल में आपने किसी का लीवर ट्रांसप्लांट करवाया था, उसके लिए आपने पैसे दिये थे, आपको हम अपना brand ambassador बनाना चाहते हैं। अगले दिन वो मिले और पूछा कि आपकी कितनी फीस होगी, मैंने कहा, आपके यहां बेस्ट सर्जरी होती है, तो मेरी फीस zero है, आप मुझे 50 लीवर ट्रान्सप्लांट स्पॉन्सर करके दीजिए। एक लीवर ट्रांसप्लांट 28 लाख रुपये में होता है। उन्होंने मेरे लिये 50 लीवर ट्रान्सप्लांट स्प़ॉन्सर किये, जो साढ़े 12 करोड़ का है। अभी तक हम 19 लीवर ट्रांसप्लांट करवा चुके हैं। आज मैं नेशनल मीडिया पर बैठा हूं, मैं कहना चाहता हूं कि कोई भी बंदा जो अफोर्ड नहीं कर सकता है वो मुझे कॉल करे, मैं उसका करा दूंगा। जो बंदा 200 रुपये की मजदूरी करता है अपने बच्चे का 25-28 लाख का ऑपरेशन नहीं करवा सकता, आगे भी किसी को ज़रूरत पड़ी, तो हम कराएंगे।" 

रजत शर्मा - किसी से कहा, मुझे ट्रेक्टर दो, आपने कहा, हो जाएगा, कोई कहता है घर की छत बनवा दो, आप कहते हैं परसों बन जाएगी, किसी ने कहा मेरा ट्रान्सप्लांट करवा दो, आप कहते हैं, अगले हफ्ते हो जाएगा, इतनी जल्दी तो भगवान भी नहीं सुनते?

सोनू सूद - "वो तो भगवान ही सुनता है, सर। मैं तो ज़रिया हूं, करवाने का। "

रजत शर्मा - आपकी वेबसाइट पर मैं देखता हूं कितने लोगों के आपने ट्रांसप्लांट करवाए, हार्ट ऑपरेशन करवाए, आप superman हैं या Robin Hood हैं, किसी से लूट के किसी को देते हैं 

सोनू सूद - " common man  हूं, सर। कोविड के दौरान जब हम करीब साढ़े सात लाख लोगों से जुडे, उनका आधार कार्ड से लेकर या उनकी लिस्ट ले कर के सब मेरे पास आज भी हैं, तो वे गरीब लोग थे, सर। तो उन्हें जब हमने पहुंचाया, तो उन लोगों में जुनून अलग था,कि सोनू भाई, आपने हमें पहुंचाया, तो हम लोग आपके साथ जुड़ कर काम करेंगे, और जब हमने कोविड के समय दवाइयां पहुंचानी शुरू की, इंजेक्शन दिये, उस वक्त तो लोगों ने मुझ पर केस भी कर दिये थे कि हमें तो दवाइयां मिलती नहीं, इसे पता नहीं कहां से मिल रही है। तो ये गरीब लोग साइकिल उठा कर 50-60 किलोमीटर तक जाते थे, ये कह कर कि सोनू भइया ने कहा है और उन्होंने हमारी मदद की थी। कुछ लोगों को तो टाइप करना भी नहीं आता था, एक फोटो आती थी, oxymeter ऐसी उंगली पर लगी हुई, बस ये बता देती थी कि 52 है।  हम लोग रात को भी वो काम करवाते थे। उस दौरान जो नेटवर्क जुड़ा, वो आज भी जुड़ा है , वो लोग जो खुद तकलीफ में हैं, और वो लोग इसलिये वहां जाते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि तकलीफ क्या है। "

जब रजत शर्मा ने कहा कि उनकी कंपनी को 2020-21 में साढ़े 12 लाख रु का डोनेशन मिला और 2021 में अप्रैल से सितम्बर के बीच 20 करोड़ रु का डोनेशन आया, तो सोनू सूद का जवाब था - " फिज़ा ऐसी बदली कि लोगों ने देखा कि मैं मदद कर रहा हूं, और उसमें 80 परसेंट डोनेशन मेरी खुद की है। जितने बड़े ब्रांड्स मैंने किये, उनसे कहा, आप डोनेट करो। मेरे पास सारे डॉक्यूमेंट हैं, एक एक चीज़ की।  ये रहा डॉक्यूमेंट, मैंने साइन किया कि ये आप डोनेट करो against anything, क़ॉलेज में डायरेक्ट डोनेट करो, कहीं भी करो।  80 परसेंट जो थे, वो मेरे खुद के डोनेशन के आये हुए थे। वो इसलिए बना क्योंकि लोगों को विश्वास होने लगा कि ये जो बंदा है, अगर हम इसे एक रुपये भी देंगे, तो वह सही जगह जाकर लगेगा। मैंने बोला, आप एक काम कीजिए, फलाने अस्पताल में दे दीजिए। आप अपोलो, मैक्स असपताल में बात कर लीजिए। जहां जहां लोग मुझे इनवाइट करते थे, मैं बोलता था, आप अस्पताल के नाम का एक चैक दे दीजिए, मैं किसी न किसी का इलाज करवा दूंगा। एडवांस में चेक पड़े रहते थे इलाज के लिए, हम सिर्फ मरीज भेजते थे वहां पर। तो इसलिए वो जमा होता चला गया। लेकिन सर, कुबेर का खज़ाना तो है नहीं, जो पूरी जिन्दगी चलता रहेगा। कोशिश यही करता हूं कि जोड़ता रहूं, मैक्सिमम लोगों तक पहुंचता रहूं। बस मैं इतना जरूर कहूंगा कि मैंने 20 साल में 100 के करीब फिल्में अलग अलग भाषाओं में की, उन सब को भी इकट्ठा कर लूं तो वो 1 परसेंट भी नहीं है उसका। ये दुनिया कमाल है, सर। "

सितम्बर, 2021 में सोनू सूद के यहां मुंबई, लखनऊ, कानपुर, जयपुर, दिल्ली और गुरुग्राम में आयकर विभाग ने 3 दिन तक जो सर्वे किया, उसके बारे में सोनू सूद का कहना था कि आयकर विभाग को कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला। 

सोनू सूद ने कहा -" वे सुबह 5:50-6 बजे आए, मैंने उनसे कहा, वेलकम, आप यहां 2 दिन, 4 दिन जितने दिन रुकेंगे, वो आपकी जिंदगी का सबसे बेस्ट एक्सपीरियंस होगा। जब आप जाएंगे तो कहेंगे कि इतना मज़ा कहीं और नहीं आया। उन्हें देख कर हैरानी हुई कि मेरे घर के कबर्ड (अलमारी) और ड्रॉअर में कोई लॉक नहीं था। मेरे घर के दरवाजे पर भी कोई लॉक नहीं था। घर का दरवाजा सुबह हम खोल देते हैं, जिसको भी आना होता है, अंदर आ जाता है। तो उन्होंने कहा, बहुत कमाल की जगह है, ये तो। "

रजत शर्मा - लेकिन इनकम टैक्स के लोगों ने जाने के बाद जो रिपोर्ट भेजी, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टेक्सेस के डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू का कहना है कि इनकम टैक्स की जांच में पता चला कि एक्टर सोनू सूद की कंपनियों में टैक्स चोरी की बोगस एंट्रीज़ पाई गई और कैश के बदले चैक जारी हुए थे। 

सोनू सूद - "आज भी हम लोग एक-एक डॉक्यूमेंट दे रहे हैं, जैसा कि मैंने कहा, उनका पूरा हक़ बनता है जो भी करने का, लेकिन हमने सभी डॉक्यूमेंट जमा करा दिये और आज भी मैं आपके सामने इसलिए बैठा हूं कि कहीं न कहीं सब कुछ ठीक होगा। जैसा कि मैंने कहा, उनका काम उन्होंने किया, मैं अपना काम कर रहा हूं। "

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