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Hindi News हेल्थ क्या है कुंभकरण सिंड्रोम, जिसे डॉक्टर कहते हैं ‘क्लेन-लेविन सिंड्रोम’? जान लें इसके लक्षण

क्या है कुंभकरण सिंड्रोम, जिसे डॉक्टर कहते हैं ‘क्लेन-लेविन सिंड्रोम’? जान लें इसके लक्षण

Kleine-Levin syndrome: क्लेन-लेविन सिंड्रोम जिसे कुंभकरण सिंड्रोम भी कहते हैं ये एक ऐसी दुर्लभ बीमारी है जिसमें व्यक्ति लंबे समय तक सोता है। जो लोग इस बीमारी के शिकार होते हैं वो हर रोज कम से कम 20 घंटे तक सोते हैं और उनके व्यवहार में भी बदलाव आने लगता है। जानिए इसके लक्षण और क्या है ये बीमारी?

Over Sleeping- India TV Hindi Image Source : FREEPIK कुंभकरण सिंड्रोम

रामायण में आपने रावण के भाई कुंभकरण का नाम तो सुना ही होगा। कुंभकरण 6 महीने सोता था और फिर 6 महीने खाता था और सो जाता था। जो लोग ज्यादा सोते हैं उन्हें लोग कुंभकरण कहकर भी चिढ़ाते हैं। जरूरत से ज्यादा सोना बीमारी भी हो सकती है। इसे कुंभकरण सिंड्रोम कहते हैं जिसे मेडिकल भाषा में क्लेन-लेविन सिंड्रोम कहा जाता है। ये 'स्लीपिंग ब्यूटी सिंड्रोम' या 'फैमिलियल हाइबरनेशन सिंड्रोम' के रूप में भी जाना जाता है। ये बेहद दुर्लभ बीमारी है जिसकी वजह से लोगों के स्वभाव में भी बदलाव आ जाते हैं।

क्लेन-लेविन सिंड्रोम किसी को भी प्रभावित कर सकता है। महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ये बीमारी होने की संभावना ज्यादा रहती है। ज्यादातर टीनएज यानि युवा बच्चों में ये बीमारी पाई जाती है। ये सिंड्रोम बेहद दुर्लभ है जो 10 लाख में से 1-2 लोगों को ही होता है।

क्लेन-लेविन सिंड्रोम के लक्षण

बुहत ज्यादा नींद आना
जागते रहने में असमर्थता
बहुत ज्यादा भूख लगना 
सेस्स ड्राइव बढ़ जाना
दिमाग में भ्रम पैदा होना
चिड़चिड़ापन या व्यवहार में बदलाव
चिंता या अवसाद
भ्रम या भूलने की बीमारी

एक स्टडी में पता चला है कि जो लोग इस सिंड्रोम के शिकार होते हैं उनकी पूरी लाइफ में ऐसे 20 एपिसोड होते हैं जब वो इसके शिकार बनते हैं। इसका एक एपिसोड कुछ दिनों, कुछ हफ्तों या फिर 10-12 दिनों का हो सकता है। ज्यादातर लोगों को ये याद नहीं रहता कि उन्हें उस वक्त क्या हुआ था। मरीज एक एपिसोड के दौरान खाने या टॉयलेट जाने के लिए जाग सकते हैं, लेकिन ज्यादा नींद की वजह से और कोई काम नहीं कर पाते हैं।

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क्लेन-लेविन सिंड्रोम के कारण

फ्लू जैसी बीमारी 
किसी तरह का संक्रमण
नशीली दवाओं का सेवन
ज्यादा शराब पीना
सिर में गंभीर चोट
शारीरिक श्रम ज्यादा करना
बहुत तनाव में रहना

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