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Hindi News भारत राष्ट्रीय संसद मॉनसून सत्र: लॉकडाउन के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 97 लोगों की गई जान, सरकार ने दी जानकारी

संसद मॉनसून सत्र: लॉकडाउन के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 97 लोगों की गई जान, सरकार ने दी जानकारी

संसद के चल रहे मौजूदा मानसून सत्र में सरकार ने 'लॉकडाउन के दौरान कितने प्रवासी मजदूरों की जान गई है' जानकारी दी है।

97 Migrant workers Died On board Shramik special Trains During COVID-19 Lockdown says Piyush Goyal i- India TV Hindi Image Source : PTI 97 Migrant workers Died On board Shramik special Trains During COVID-19 Lockdown says Piyush Goyal in Rajya Sabha

नई दिल्ली। संसद के चल रहे मौजूदा मानसून सत्र में सरकार ने 'लॉकडाउन के दौरान कितने प्रवासी मजदूरों की जान गई है' जानकारी दी है। विपक्ष ने प्रवासी मजदूरों के मुद्दे को सदन में जोरदार तरीके से उठाकर सरकार को जमकर घेरा है। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच बवाल तब और बढ़ गया जब केंद्र सरकार की तरफ से जवाब आया कि इस संबंध में उनके पास कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। हालांकि, शनिवार को विपक्ष ने एक बार फिर से सरकार से सवाल किया गया कि लॉकडाउन के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में कितने लोगों की जान गई। सरकार ने राज्यसभा में इस सवाल का जवाब देते हुए बताया कि 9 सितंबर तक कुल 97 लोगों की जान गई है। 

तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ'ब्रायन की ओर से राज्यसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में रेलमंत्री पीयूष गोयल ने बताया, '9 सितंबर तक कुल 97 लोगों की जान गई है। इन 97 मौतों में से 87 डेड बॉडीज को राज्य पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। संबंधित राज्यों की पुलिस से अब तक 51 पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिली है। इनमें मौतों की वजह कार्डिएक अरेस्ट, दिल की बीमारी, ब्रेन हेमरेज, लंग और लीवर डिजीज बताया गया है।'

गौरतलब है कि इससे पहले मई महीने में 80 श्रमिक मजदूरों के मौत की रिपोर्ट सामने आई थी। रेलवे प्रोटेक्शन पुलिस के हवाले से बताया गया था कि 9 मई से 27 मई के बीच श्रमिक स्पेशल ट्रेन के अंदर 80 लोगों की जान गई थी। कोरोना वायरस संकट के बाद जब देश में लॉकडाउन लगा था, तो सबसे ज्यादा प्रभावित प्रवासी मजदूर ही हुए थे। लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर सड़कों पर थे, इस दौरान कई लोगों की मौत की खबर भी सामने आई थी। 

इसी मसले को लेकर मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार (14 सितंबर) को संसद में सवाल पूछा गया था कि लॉकडाउन के दौरान हजारों प्रवासी मजदूरों की मौत हुई है, क्या सरकार के पास कोई आधिकारिक आंकड़ा है। इस पर सरकार की ओर से जवाब दिया गया कि उनके पास ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है। सरकार की ओर से ये भी जवाब दिया गया कि लॉकडाउन में करीब 80 करोड़ लोगों को अतिरिक्त राशन दिया गया है, ये प्रक्रिया नवंबर तक जारी रहेगी।

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