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Hindi News भारत राष्ट्रीय केंद्रीय विद्यालय में संस्कृत प्रार्थना गायन क्या मौलिक अधिकारों का उलंघन है? याचिका पर संविधान पीठ करेगी सुनवाई

केंद्रीय विद्यालय में संस्कृत प्रार्थना गायन क्या मौलिक अधिकारों का उलंघन है? याचिका पर संविधान पीठ करेगी सुनवाई

आस्था और मान्यताओं से इतर केंद्रीय विद्यालयों में छात्रों द्वारा संस्कृत प्रार्थनाओं का गायन क्या उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है?

Are morning prayers in Kendriya Vidyalayas ‘communal’? Supreme Court’s Constitution Bench to hear - India TV Hindi Are morning prayers in Kendriya Vidyalayas ‘communal’? Supreme Court’s Constitution Bench to hear case

नई दिल्ली। आस्था और मान्यताओं से इतर केंद्रीय विद्यालयों में छात्रों द्वारा संस्कृत प्रार्थनाओं का गायन क्या उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है? इस सवाल को उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को संविधान पीठ के हवाले कर दिया। न्यायाधीश आर एफ नरीमन और विनीत सरन की पीठ ने कहा कि इस सवाल की पड़ताल एक संविधान पीठ द्वारा की जाएगी । इसके साथ ही पीठ ने एक वृहद पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने के लिए इस मामले को भारत के प्रधान न्यायाधीश को भेज दिया । 

पीठ ने कहा,‘‘हमारा यह सोचना है कि यह महत्वपूर्ण विषय है और एक संविधान पीठ को इसकी पड़ताल करनी चाहिए।’’ शीर्ष अदालत जबलपुर निवासी अधिवक्ता विनायक शाह द्वारा दाखिल की गयी एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने देशभर के केवी में छात्रों द्वारा संस्कृत में प्रार्थनाओं के गायन की अनिवार्यता को चुनौती दी थी। 

सुनवाई के दौरान, सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र का पक्ष रखते हुए कहा कि संस्कृत के श्लोकों का अर्थ वैश्विक सत्य है और केवल इनका संस्कृत में लिखा जाना इन्हें सांप्रदायिक नहीं बनाता। इस पर न्यायाधीश नरीमन ने कहा कि संस्कृत ‘श्लोक’ जिनका जिक्र किया गया है, वह उपनिषदों से लिए गए हैं । 

मेहता ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के प्रत्येक अदालत कक्ष में लिखा हुआ है, ‘‘यतो धर्मा स्ततो जय: ’’ जो कि महाभारत से लिया गया है। उन्होंने कहा,‘‘इसका यह मतलब नहीं है कि उच्चतम न्यायालय धार्मिक है।’’ पीठ ने इस पर कहा कि वृहद पीठ को इस मामले पर विचार करने दें । शाह के अलावा, मुस्लिम संस्था, जमीयत उलेमा ए हिंद ने भी इस मामले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। जमीयत ने साझा प्रार्थना के अनिवार्य गायन से संबंधित केवी संगठन के संशोधन शिक्षा कोड को चुनौती दी है। 

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