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Hindi News भारत राष्ट्रीय किसानों का ऐलान, ‘मई में संसद तक पैदल मार्च, 10 अप्रैल को बंद करेंगे एक्सप्रेसवे’

किसानों का ऐलान, ‘मई में संसद तक पैदल मार्च, 10 अप्रैल को बंद करेंगे एक्सप्रेसवे’

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने बुधवार को कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान ससंद तक पैदल मार्च करेंगे।

Samyukt Kisan Morcha, Samyukt Kisan Morcha March To Parliament, Farmers March To Parliament- India TV Hindi Image Source : PTI REPRESENTATIONAL SKM ने बुधवार को कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान मई में ससंद तक पैदल मार्च करेंगे।

नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने बुधवार को कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान मई में ससंद तक पैदल मार्च करेंगे। मोर्चा ने अगले 2 महीनों के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा करते हुए कहा, ‘मोर्चा की कल बैठक हुई थी जिसमें फैसला लिया गया कि किसान संसद तक मार्च करेंगे। मार्च की तिथि अब तक तय नहीं हुई है।’ किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, ‘इसमें न केवल किसानों को, बल्कि बल्कि महिलाओं, बेरोजगार व्यक्तियों और श्रमिकों को भी शामिल किया जाएगा जो आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।’

‘शांतिपूर्ण ढंग से निकाला जाएगा मार्च’
चढूनी ने कहा कि मार्च ‘शांतिपूर्ण ढंग’ से निकाला जायेगा और इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि ‘26 जनवरी को जो घटना हुई थी, उसकी पुनरावृत्ति नहीं हो।’ नेताओं ने संसद मार्च में पुलिस कार्रवाई होने पर प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए एक समिति बनाने संबंधी अपनी योजना भी साझा की। उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शनकारियों को स्पष्ट कर दिया जाएगा कि संयुक्त किसान मोर्चा सभी प्रकार की हिंसा की निंदा करता है। इसलिए प्रदर्शनकारियों को पता होना चाहिए कि अगर उनके द्वारा संपत्ति को कोई नुकसान हुआ है, तो उन्हें जुर्माना देना होगा।’

‘10 अप्रैल को KMP एक्सप्रेसवे बंद करेंगे’
किसान नेताओं ने 10 अप्रैल को 24 घंटे के लिए कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे को अवरुद्ध करने की भी घोषणा की। एक अन्य किसान नेता ने कहा, ‘हम KMP एक्सप्रेसवे को 10 अप्रैल को 24 घंटे के लिए अवरुद्ध करेंगे, जो कि 10 अप्रैल को पूर्वान्ह्र 11 बजे से अगले दिन पूर्वान्ह्र 11 बजे तक होगा। हम ऐसा इसलिए करेंगे क्योंकि सरकार हमारी नहीं सुन रही है। यह सो रही है। इस सरकार को जगाना है।’ आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उनके सम्मान में 6 मई को एक कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। आंबेडकर जयंती और श्रमिक दिवस मनाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

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