कृषि कानून के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आंदोलन में बड़ी फूट पड़ती दिख रही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने भारतीय किसान यूनियन, चढूनी के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी को सस्पेंड कर दिया है।
नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच चल रही खींचतान के बीच सोमवार (18 जनवरी) को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी। 26 जनवरी के दिन किसान संगठनों की दिल्ली में प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के खिलाफ याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
26 जनवरी के दिन किसान संगठनों की दिल्ली में प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के खिलाफ याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
किसान नेताओं ने कृषि कानूनों के खिलाफ रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि पंजाब और दूसरी जगह में एनआईए ने कुछ केस बनाने शुरू किए है।
किसान तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। सरकार के साथ चली कई दौर की वार्ता विफल हो चुकी है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि किसानों की आय को दोगुना करना केन्द्र सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है और तीन केंद्रीय कृषि कानून उनकी आय में कई गुना वृद्धि सुनिश्चित करेंगे।
53 दिन से चल रहे किसान आंदोलन में बार-बार खालिस्तान का नाम क्यों आ रहा है... प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस से किसान नेताओं का क्या लिंक है... अब इसकी परत-दर-परत खुलने वाली है... क्योंकि NIA ने किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा समेत 40 लोगों पर शिकंजा कस दिया है... NIA ने बलदेव सिंह सिरसा के अलावा पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू को भी पेश होने का समन दिया है... इनसे किसान आंदोलन में विदेशी फंडिंग को लेकर पूछताछ होनी है... और किसान आंदोलन के खालिस्तान लिंक की जांच होगी... हालांकि किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने आज पेश होने से इनकार कर दिया है और 7 फरवरी तक की मोहलत मांगी है
किसानों ने साफ कह दिया कि वे सरकार से बात करने आए हैं और आगे भी आएंगे, लेकिन बात तभी बनेगी जब सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले लेगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्हें उनकी ही पार्टी में लोग गंभीरता से नहीं लेते और उनके बयानों पर हंसते हैं।
किसान प्रतिनिधियों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच आज हुई 9वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही, अब अगली बैठक 19 जनवरी को दोपहर 12 बजे विज्ञान भवन में होगी। वहीं, किसान नेता 17 जनवरी को फिर से बैठक कर आगे की रणनीति बनाएंगे।
तीन नये कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच 9वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही, अब अगली बैठक 19 जनवरी को दोपहर 12 बजे विज्ञान भवन में होगी।
तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूतम समर्थन मूल्य पर (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों और केंद्रीय मंत्रियों के साथ विज्ञान भवन में हो रही बातचीत ख़त्म हो गई है।
तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूतम समर्थन मूल्य पर (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच 9वें दौर की बैठक खत्म हो गई।
भारत सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करती है और उच्चतम न्यायालय की बनाई समिति जब सरकार को बुलाएगी तो हम अपना पक्ष समिति के सामने रखेंगे। आज वार्ता की तारीख़ तय थी इसलिए किसानों के साथ हमारी वार्ता जारी है: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
नौवें दौर की वार्ता से एक दिन पहले गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार यूनियन के नेताओं के साथ खुले मन से बातचीत के लिए तैयार है और उन्हें अगले दौर की वार्ता सकारात्मक रहने की उम्मीद है। वार्ता के लिए सिंघु बॉर्डर से प्रस्थान करने से पहले भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि किसान नेता भी सकारात्मक वार्ता की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि वह सरकार से पहले तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर बातचीत करना चाहेंगे, इसके बाद एमएसपी के मसले पर भी चर्चा होगी।
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके किसानों द्वारा राजपथ तक ट्रैक्टर रैली के आयोजना का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। किसानों के इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अब सोमवार को सुनवाई होगी।
नौवें दौर की वार्ता से एक दिन पहले गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार यूनियन के नेताओं के साथ खुले मन से बातचीत के लिए तैयार है और उन्हें अगले दौर की वार्ता सकारात्मक रहने की उम्मीद है। वार्ता के लिए सिंघु बॉर्डर से प्रस्थान करने से पहले भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि किसान नेता भी सकारात्मक वार्ता की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि वह सरकार से पहले तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर बातचीत करना चाहेंगे, इसके बाद एमएसपी के मसले पर भी चर्चा होगी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के डायरेक्टर ऑफ कम्युनिकेशंस गेरी राइस ने कहा कि नए कानून बिचौलियों की भूमिका को कम करेंगे और दक्षता को बढ़ाएंगे।
तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूतम समर्थन मूल्य पर (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधि आज फिर केंद्रीय मंत्रियों के साथ वार्ता के लिए विज्ञान भवन जा रहे है, जहां मध्याह्न् 12 बजे वार्ता शुरू होगी। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की अगुवाई कर रहे यूनियनों के नेताओं के साथ सरकार की यह नौवें दौर की वार्ता है। हालांकि तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किए जाने के बाद किसान नेता पहली बार केंद्रीय मंत्रियों से मिलेंगे। किसान आंदोलन का आज 51वां दिन है।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की अगुवाई कर रहे यूनियनों के नेताओं के साथ सरकार की यह नौवें दौर की वार्ता है।
किसान तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं. ... भूपिंदर सिंह मान ने सुप्रीम कोर्ट की बनाई गई 4 सदस्यी समिति से खुद को अलग कर लिया है.
किसानों और सरकार के बीच 9वें दौर की बैठक से पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार के साथ कानूनों की वापसे पर चर्चा के लिए तैयार हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा और अपना फैसला दोहराया कि ‘वह जनवरी के अंत में दिल्ली में किसानों के मुद्दे पर अंतिम भूख हड़ताल करेंगे।’
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसान संगठनों और सरकार के बीच नौवें दौर की वार्ता तय कार्यक्रम के तहत शुक्रवार (15 जनवरी) को होगी और केंद्र को उम्मीद है कि चर्चा सकारात्मक होगी।
कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है जो 4 महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। एक्सपर्ट कमेटी बनाएं जाने के फैसले के बाद किसान नेताओं ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। किसान नेता ने कहा कि हमारा आंदोलन अनिश्चितकालीन जारी रहेगा।
मोदी सरकार द्वारा लाये गये तीन नए कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट के रोक लगाए जाने के बाद भी आंदोलन जारी है। राजधानी दिल्ली में कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों आज कृषि कानूनों की कॉपी जलाकर लोहड़ी का पर्व मनाया।
किसान पहले सरकार की नहीं सुन रहे थे और अब कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट की भी नहीं सुनेंगे, तो सवाल उठता है कि वे लोकतंत्र में फिर किसकी सुनेंगे?
दिल्ली के टिकरी बार्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को लोहड़ी के अवसर पर तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज किया है।
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने बुधवार को लोहड़ी का त्योहार मनाने के लिए कृषि कानूनों की प्रतियां जला दीं।
कृषि कानूनों पर रोक लगाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बावजूद दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है लोहड़ी के अवसर पर सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने कृषि कानूनों की कॉपीया जलायी
भारत सरकार ने 5 वर्ष पहले, 13 जनवरी 2016 को देश के किसानों के लिए फसलों के जोखिम कवरेज को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी।
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