अब सिरदर्द150 नहीं, 300 तरह के हो गए हैं..और ये बात खुद हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग ने कही है..और टेंशन तो इस बात की है..कि उनमें से सिर्फ 10% हेडेक का ही लोगों को पता होता है कि वो क्यों हो रहे हैं..अब इतने तरह के हेडेक में आम इंसान कैसे याद रखे कि उसका सिर किस वजह से दुख रहा है...