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Hindi News भारत राष्ट्रीय केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया 'सोशल मीडिया हब की योजना वापस ली'

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया 'सोशल मीडिया हब की योजना वापस ली'

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि उसने सोशल मीडिया प्लेटफार्मो पर 'अफवाह पैदा करनेवालों' की निगरानी करने और उनका पता लगाने के लिए सोशल मीडिया कम्युनिकेशन हब (एसएमसीएच) स्थापित करने की योजना को छोड़ दिया है।

Attorney General K K Venugopal- India TV Hindi Attorney General K K Venugopal

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसने सोशल मीडिया प्लेटफार्मो पर 'अफवाह पैदा करनेवालों' की निगरानी करने और उनका पता लगाने के लिए सोशल मीडिया कम्युनिकेशन हब (एसएमसीएच) स्थापित करने की योजना को छोड़ दिया है। महान्यायवादी के.के. वेणुगोपाल ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ को सूचित किया कि सरकार प्रस्ताव वापस ले रही है। न्यायमूर्ति ए.एम.खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ खंडपीठ के अन्य सदस्य हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफार्मो पर नजर के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कदम को रोकने के लिए तृणमूल कांग्रेस की विधायक महुआ मोइत्रा की याचिका पर केंद्र का यह जवाब आया है। महान्यायवादी द्वारा पीठ को यह बताए जाने के बाद कि सरकार अधिसूचना को वापस ले रही है, अदालत ने याचिका का निपटारा कर दिया।

मामले पर अंतिम सुनवाई के दौरान 13 जुलाई को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा था, "अगर हर ट्वीट, व्हाट्सएप (संदेश) की निगरानी होगी तो हम एक सर्विलांस स्टेट की तरफ बढ़ रहे हैं।" याचिकाकर्ता मोइत्रा ने हब के लिए सॉफ्टवेयर की आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण और कमीशन (एसआईटीसी) के लिए निविदा आमंत्रित करने के प्रस्तावों के अनुरोध (आरएफपी) को रोकने की मांग की थी।यह निविदा 20 अगस्त को खोली जानी थी।

याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा कि प्रस्तावित हब संविधान द्वारा दिए गए मूल अधिकारों की गारंटी का हनन करता है।मोइत्रा ने दलील दी थी, "सरकार की तरफ से इस तरह के हस्तक्षेप वाली कार्रवाई न सिर्फ कानूनी अधिकार के बगैर है, बल्कि यह संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(ए) के तहत मेरे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मूल अधिकार का उल्लंघन करता है।" उन्होंने कहा कि इस तरह की निगरानी उनकी निजता के मूल अधिकार का भी उल्लंघन करती है।

जनहित याचिका में कहा गया था कि इस मंच से स्वचालित रिपोर्ट प्रदान करने की उम्मीद है। इसके अलावा मैनुअल तरीके से 20 सोशल मीडिया विश्लेषक अधिकारियों की टीम द्वारा प्रतिदिन कम से कम छह रिपोर्ट सूचना व प्रसारण मंत्रालय के निर्देश के अनुसार ट्रेंड करने वाले विषय व हैशटैग से जुड़ी होगी। (भाषा)

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