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Hindi News भारत राष्ट्रीय कोरोना वायरस: हरियाणा के सभी मेडिकल कॉलेज में Plasma Therapy से होगा इलाज, ICMR ने दी मंजूरी

कोरोना वायरस: हरियाणा के सभी मेडिकल कॉलेज में Plasma Therapy से होगा इलाज, ICMR ने दी मंजूरी

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से अनुमोदन मिलने के बाद हरियाणा अपने सभी मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा थेरेपी शुरू करेगा। राज्य के स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज ने इसकी जानकारी दी है।

Haryana, Plasma Therapy, Covid-19 Patients, ICMR approval- India TV Hindi Image Source : PIXABAY । REPRESENTATIVE IMAGE Haryana to start Plasma Therapy for Covid-19 Patients after ICMR approval

नई दिल्ली। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से अनुमोदन मिलने के बाद हरियाणा अपने सभी मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा थेरेपी शुरू करेगा। राज्य के स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज ने इसकी जानकारी दी है। यानी अब हरियाणा के सभी मेडिकल कॉलेजों में अब कोरोना मरीजों का प्लाज्मा थैरपी से इलाज हो सकेगा। बता दें कि गंभीर मरीजों का इलाज इस थैरपी से किया जा रहा है, जिसका लाभ भी मिल रहा है। 

जानिए क्या होती है प्लाज्मा थैरपी

बता दें कि शरीर में किसी वायरस के आ जाने पर प्लाज्मा ही एंटीबॉडी बनाने में मदद करता है। कोरोना वायरस के इलाज के लिए अभी तक कोई वैक्सीन तैयार नहीं हो पाई है। इस बीच इन्फेक्शन का शिकार लोगों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी इन दिनों काफी चर्चा में है। कोरोना वायरस से ठीक हो चुके मरीज के खून से प्लाज्मा निकाला जाता है। उस प्लाज्मा को संक्रमित मरीज को चढ़ाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस ठीक मरीज के शरीर से प्लाज्मा निकाला जाता है। उसके शरीर ने कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने शुरू कर दिए थे, जब उसके प्लाज्मा को संक्रमित मरीज के शरीर में चढ़ाया जाता है तो उससे उसे भी कोरोना से लड़ने में सहायता मिलती है। 

कौन हो सकते हैं प्लाज्मा डोनर

कोरोना संक्रमण से पूरी तरह ठीक होने वाले मरीज ही प्लाज्मा डोनर हो सकते हैं। वायरस के संक्रमण से ठीक होने के बाद 14 दिन तक जिसमें दोबारा लक्षण न दिखे वो चाहे तो प्लाज्मा डोनेट कर सकता है। या थ्रोट-नेजल स्वैब की रिपोर्ट तीन बार नेगेटिव आने के बाद डोनेट कर सकता है।

हरियाणा के गुड़गांव और फरीदाबाद में बढ़ते मामलों के कारण रैपिड एंटीजन टेस्ट से जांच जो रही है। इस तकनीक से रिजल्ट 15 से 30 मिनट के अंदर आ जाता है। इस तकनीक से पहले गुड़गांव में टेस्टिंग शुरू की गई थी अब सोमवार को फरीदाबाद में शुरू की गई है। 

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