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Hindi News भारत राष्ट्रीय ओडिशा में कोविड-19 के 1,948 नए मामले, 67 मरीजों की मौत

ओडिशा में कोविड-19 के 1,948 नए मामले, 67 मरीजों की मौत

ओडिशा में बृहस्पतिवार को कोविड-19 से 67 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 5,308 हो गई। वहीं 1,948 नए मामले सामने आए, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9,61,934 हो गई।

Odisha logs 1,948 new COVID-19 cases, 67 fresh fatalities- India TV Hindi Image Source : PTI ओडिशा में बृहस्पतिवार को कोविड-19 से 67 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 5,308 हो गई।

भुवनेश्वर: ओडिशा में बृहस्पतिवार को कोविड-19 से 67 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 5,308 हो गई। वहीं 1,948 नए मामले सामने आए, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9,61,934 हो गई। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि पृथकवास केंद्रों से 1,120 नए मामले सामने आए हैं और बाकी 828 मामले संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों की जांच के बाद सामने आए। खुर्दा जिले से सबसे ज्यादा 480 मामले सामने आए। भुवनेश्वर भी इसी जिले का हिस्सा है। वहीं इसके बाद कटक से 279 और जाजपुर से 115 मामले सामने आए। 

अधिकारी ने बताया कि खुर्दा में ही सबसे ज्यादा 20 मरीजों की मौत हुई। ओडिशा में फिलहाल 19,623 मरीजों का उपचार चल रहा है जबकि 9,36,950 मरीज संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। अधिकारी ने बताया कि राज्य में अब तक कोरोना वैक्सीन की 1.47 करोड़ खुराक दी गई है, जिनमें से 1.21 लाख खुराक बुधवार को दी गई। अब तक 8,699 गर्भवती महिलाओं को भी वैक्सीन की खुराक दी गई।

वहीं कोविड-19 पाबंदियों के बीच पुरी में भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ को बुधवार को ‘सुना बेशा’ (सोने की पोशाक) अनुष्ठान में 200 किलोग्राम से अधिक सोने के गहनों से सजाया गया। यह अनुष्ठान कोविड-19 पाबंदियों के कारण श्रद्धालुओं की अनुपस्थिति में संपन्न हुआ। परंपरा के अनुसार देवी एवं देवताओं की रथ यात्रा की वापसी के बाद वाले दिन सोने के आभूषणों से भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ को सजाया जाता है। 

‘सुना बेशा’ आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि या आषाढ़ के महीने में 11वें शुक्ल पक्ष में आयोजित की जाती है। हालांकि, श्रद्धालुओं ने महामारी के कारण लगातार दूसरे वर्ष तीन राजसी लकड़ी के रथों पर विराजमान भगवान की स्वर्ण पोशाक को देखने का दुर्लभ अवसर गंवा दिया। जिला प्रशासन ने मंदिर और उसके ‘लायन गेट’ के पास कुछ स्थानों को छोड़कर पूरे शहर से बंद और कर्फ्यू वापस ले लिया, जहां अनुष्ठान के लिए रथ खड़े थे। लोगों के इकट्ठा होने से बचने के लिए एहतियात के तौर पर ग्रेंड रोड के दोनों ओर के सभी होटल, लॉज और अतिथि गृह बंद कर दिए गए थे। 

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