सरकार की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभी बच्चों को जल्द से जल्द वैक्सीन लगाए जाने पर जोर देने के चलते की गई थी। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए स्कूलों में स्पेशल कैंपेन चलाए जाएं। उन्होंने इस काम को सरकार की प्राथमिकता सूची में शामिल किया है।
कोरोना के नए वैरिएंट के 376 नमूनों का परीक्षण किया गया था। जिनमें से 230 अकेले मुंबई के निवासी हैं। मुंबई के इन 230 मरीजों में से 21 को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
15-18 साल के बच्चों का नए साल में टीकाकरण करने के बाद 12-18 साल के बच्चों के लिए भी टीका आ गया है। बयोलॉजिकल-ई कोरोना वैक्सीन कोर्बेवैक्स को सोमवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने अंतिम मंजूरी दे दी है।
टीका विनिर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के चेयरमैन साइरस पूनावाला ने कहा कि विश्व की दो-तिहाई आबादी को कंपनी के एक या अधिक टीके दिये गये हैं।
डीजीसीआई को नौ फरवरी को भेजे आवेदन में बायोलॉजिकल-ई के गुणवत्ता एवं नियामक मामलों के प्रमुख श्रीनिवास कोसाराजू ने कहा कि कंपनी को सितंबर 2021 में 15 से 18 साल के बच्चों और किशोरों पर कोर्बेवैक्स का दूसरे/तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण करने की मंजूरी मिली थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर लिखा कि DCGI ने भारत में सिंगल-डोज स्पुतनिक लाइट कोरोना वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी है। ये देश की 9वीं वैक्सीन है, जो लोगों को दी जाएगी। साथ ही ये महामारी के खिलाफ देश की सामूहिक लड़ाई को और मजबूत करेगी।
कोविन पोर्टल के अनुसार जिन स्वास्थ्यकर्मियों एवं अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को दूसरी खुराक लिए हुए नौ महीने या 39 सप्ताह पूरे हो गए हैं वे इस एहतियाती खुराक के लिए पात्र होंगे। यही मापदंड अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 60 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए भी है।
कई लाभार्थियों और उनके माता-पिता ने कहा कि महामारी के मामलों में बढ़ोतरी के चलते वे वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। आकर्षक ‘सेल्फी पॉइंट’ स्थापित करने से लेकर कल्पनाशील पोस्टर और रंगीन गुब्बारे लगाने तक, नामित टीकाकरण केंद्र, ज्यादातर स्कूल और शैक्षणिक संस्थान, युवाओं के स्वागत के लिए तैयार किए गए थे।
यूपी में जनवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थ केयर वर्कर्स को बूस्टर डोज दी जाएगी। प्रदेश में लगभग 10 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स व 10 लाख हेल्थ केयर वर्कर्स को ये बुस्टर डोज दी जाएगी।
डॉ. गुलेरिया ने कहा, ‘‘हमारे पास दूसरी पीढ़ी के टीके होंगे। यह एक ऐसी चीज है जिसे हमें ध्यान में रखने की जरूरत है। मौजूदा टीके प्रभावी हैं, लेकिन नए स्वरूप के साथ, उनकी प्रतिरक्षा में कमी आएगी, हालांकि टीकों में बदलाव किया जा सकता है।’’
बताया जा रहा है कि शेखपुरा में पिछले कुछ दिनों से इस तरह की अफवाह फैलाई गई है कि कोरोना का वैक्सीन लेने से आदमी मर जाता है या फिर नपुंसक हो जाता है।
अदार पूनावाला ने एक उद्योग सम्मेलन में भाग लेते हुए कहा कि कोवोवैक्स वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है और यह तीन साल और उससे अधिक की आयु के बच्चों को हर तरह से सुरक्षा प्रदान करेगा।
राज्य में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 44,637 हो गयी है, जिसमें से केवल 7.5 प्रतिशत मरीज ही अस्पतालों में भर्ती हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्य के 14 जिलों में से तिरुवनंतपुरम में सर्वाधिक 790 नये मामले सामने आए।
केरल में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 177 मरीजों की मौत दर्ज की गई और महामारी के 4,723 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 51,29,985 हो गए तथा मृतकों की संख्या 40,132 पर पहुंच गई।
देश में सोमवार तक कोविड वैक्सीन की 123 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी। मंत्रालय ने बताया कि सोमवार शाम सात बजे तक 70 लाख (70,85,126) से अधिक खुराक दी गई थीं।
सूत्रों से मिले आंकड़ों के अनुसार भाजपा शासित हिमाचल प्रदेश में 100 प्रतिशत जनसंख्या को पहली डोज मिल चुकी है और 91.9 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन के दोनों टीके लगाए जा चुके हैं।
हुब्बली-धारवाड़ जिले के जिला अधिकारी ने उस आनंद नाम के व्यक्ति को लिखित में गारंटी देते हुए कहा कि अगर वैक्सीन लगवाने के बाद उस व्यक्ति को कुछ हो जाता है तो उसके पूरे परिवार की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
केरल के मंत्री ने बताया कि कई शिक्षकों ने धार्मिक कारणों सहित एक या अन्य कारणों का हवाला देते टीका नहीं लगवाया है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास टीके नहीं लेने वाले शिक्षकों की सही संख्या नहीं है।
बैंक ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, "एडीबी ने भारत सरकार को कोविड-19 महामारी के खिलाफ सुरक्षित और प्रभावी टीके खरीदने में मदद करने के लिए 1.5 अरब डॉलर के ऋण को मंजूरी दे दी।"
उत्तर प्रदेश ने कोरोना के खिलाफ जारी वैक्सीनेशन अभियान में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उत्तर प्रदेश में अबतक कुल 15 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोविड-19 वैक्सीन लगाए जा चुके हैं।
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