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Hindi News भारत राष्ट्रीय प्रधानमंत्री मोदी ने 'अड़चनों' को दूर कर पूर्वोत्तर में विकास की शुरुआत की: अमित शाह

प्रधानमंत्री मोदी ने 'अड़चनों' को दूर कर पूर्वोत्तर में विकास की शुरुआत की: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी बाधाओं को दूर कर दिया है और पूर्वोत्तर को शांति और विकास के रास्ते पर आगे ले गए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह - India TV Hindi Image Source : PTI केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 

गुवाहाटी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी बाधाओं को दूर कर पूर्वोत्तर को शांति और विकास के रास्ते पर ले गए हैं। शाह ने कहा कि असम की जनता ने लगातार दूसरी बार भाजपा की सरकार बनवाई है क्योंकि ''उन्होंने महसूस किया है कि राज्य में 'आतंकवाद' (उग्रवाद) और 'आंदोलन' के लिए कोई जगह नहीं है।'' केंद्रीय गृह मंत्री ने यहां दो परियोजनाओं की शुरूआत करने के बाद कहा “क्षेत्र में शांति और प्रगति में बाधा डालने वाली अड़चनों को हटा दिया गया है। पांच साल से अधिक समय पहले शुरू हुई विकास की यात्रा को तेज किया जाना चाहिए। ” शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमेशा पूर्वोत्तर क्षेत्र को प्राथमिकता दी है, और हाल में पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल सहित इस क्षेत्र से पांच नेताओं को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है। 

शाह ने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि असम के लोगों ने लगातार दूसरी बार भाजपा को वोट दिया है क्योंकि ‘‘उन्होंने महसूस किया है कि राज्य में ‘आतंकवाद’ (उग्रवाद) और ‘आंदोलन’ के लिए कोई जगह नहीं है।’’ यहां दो परियोजनाओं की शुरुआत करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा, ‘‘क्षेत्र में शांति और प्रगति में बाधा डालने वाली अड़चनों को हटा दिया गया है। पांच साल से अधिक समय पहले शुरू हुई विकास की यात्रा को तेज किया जाना चाहिए।’’

शाह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने हमेशा पूर्वोत्तर क्षेत्र को प्राथमिकता दी है और हाल ही में अपने मंत्रिपरिषद में क्षेत्र से पांच मंत्रियों को शामिल किया है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल भाजपा में होता है कि एक सफल और मुख्यमंत्री एक नए व्यक्ति के लिए रास्ता बनाता है और उसकी पीठ थपथपाकर स्वागत करता है। असम को दो तरह से फायदा हुआ है- एक मेहनती मुख्यमंत्री और एक कैबिनेट मंत्री मिला जो राज्य के विकास के बारे में सोचने के लिये हमेशा मौजूद हैं।’’

अतीत में असम में भड़कने वाले विभिन्न आंदोलनों के बारे में गृह मंत्री ने कहा, ‘‘शायद किसी और राज्य ने इतना रक्तपात और हिंसा नहीं झेला है, लेकिन उन्होंने क्या हासिल किया - कुछ भी नहीं।’’ शाह ने तामूलपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की दूरस्थ तरीके से आधारशिला भी रखी, जिसका वादा बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) समझौते में किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई सामान्य समझौता नहीं है, लेकिन हमने उन खंडों को शामिल किया है जिसकी मांग किसी भी हितधारक द्वारा नहीं की गई थी। तामूलपुर में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बोडो द्वारा मांग नहीं थी, लेकिन हमने इसे शामिल किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इससे पूर्व, हमने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले बोडो समझौते के सभी खंडों को लागू करने की योजना बनायी थी, लेकिन हमने 90 प्रतिशत खंडों को पूरा करने के उपाय पहले ही शुरू कर दिए हैं और हम स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ तक सभी को पूरा करने की उम्मीद करते हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि पहले होने वाले समझौते धूल फांकते थे और कोई सरकार इसे पूरा करने के लिए कदम नहीं उठाती थी, लेकिन क्षेत्र में विभिन्न संगठनों के साथ हुए समझौतों को आगे बढ़ाने की प्रधानमंत्री की पहल ने शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। इससे पहले शाह ने रविवार को कामाख्या मंदिर में पूजा की।

शाह ने साथ ही गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में राज्य कैंसर संस्थान में एक नए विकिरण चिकित्सा ब्लॉक की भी शुरुआत की। उन्होंने कहा कि टाटा ट्रस्ट के साथ केंद्र और राज्य द्वारा स्थापित किया जा रहा एक और कैंसर अस्पताल पूरा होने वाला है और ‘‘मुख्यमंत्री ने मुझे आश्वासन दिया है कि इस साल दिसंबर तक प्रधानमंत्री द्वारा इसका उद्घाटन किया जा सकता है।’’ गृह मंत्री ने कोविड-19 से जान गंवाने वालों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता औपचारिक रूप से वितरित की। इसके लिए 100 लाभार्थियों का चयन किया गया था। असम में पिछले साल से अब तक इस महामारी से 5114 लोगों की मौत हो चुकी है।

इस बीच, असम राइफल्स ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने शिलांग स्थित मुख्यालय का दौरा किया और जवानों से बातचीत की। असम राइफल्स ने बयान में कहा, ‘‘असम राइफल्स के अपने पहले दौरे के तहत, माननीय मंत्री को लेफ्टिनेंट जनरल पी सी नायर, एवीएसएम, वाईएसएम, डीजी असम राइफल्स द्वारा बल के संचालन और प्रशासनिक मुद्दों पर जानकारी दी गई थी।’’ शाह ने ट्वीट किया, "मेघालय के लैटकोर में दोपहर का भोजन किया और हमारे बहादुर कर्मियों के साथ बातचीत की। असम राइफल्स, उत्तर पूर्व का संरक्षक, भारत का सबसे पुराना अर्धसैनिक बल है। राष्ट्र को उसकी बहादुरी और साहस पर गर्व है।’’

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