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Hindi News भारत राष्ट्रीय बच्चों से यौन हिंसा के अपराध में मौत की सजा, सरकार कर सकती है पोस्को कानून में संशोधन

बच्चों से यौन हिंसा के अपराध में मौत की सजा, सरकार कर सकती है पोस्को कानून में संशोधन

सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि 12 साल तक की आयु के बच्चों से यौन हिंसा के अपराध के लिये मौत की सजा का प्रावधान करने के लिये पोस्को कानून में संशोधन पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। 

Punishment of death in children for crimes of sexual violence, government can amend POSCO law - India TV Hindi Punishment of death in children for crimes of sexual violence, government can amend POSCO law 

नयी दिल्ली: सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि 12 साल तक की आयु के बच्चों से यौन हिंसा के अपराध के लिये मौत की सजा का प्रावधान करने के लिये पोस्को कानून में संशोधन पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ को केन्द्र की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल एएनएस नाडकर्णी ने इस संबंध में कानून मंत्रालय का एक पत्र सौंपा। इसमें कहा गया है कि मंत्रालय यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण कानून ( पोस्को ) में संशोधन पर विचार कर रहा है। 

पीठ ने सरकार के इस पत्र को ध्यान में लेते हुये आठ महीने की बच्चे से उसके 28 वर्षीय कथित रिश्तेदार द्वारा नृशंसता के साथ बलात्कार करने की घटना को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई 27 अप्रैल के लिये स्थगित कर दी। कानून मंत्रालय के उपसचिव ने अतिरिक्त सालिसीटर जनरल को यह पत्र लिखा था। 

इसमें कहा गया कि उन्हें यह सूचित करने का निर्देश मिला है कि पोस्को कानून के प्रावधानों में संशोधन करके 12 साल तक के बच्चों से बलात्कार के अपराध के लिये अधिकतम मौत की सजा का प्रावधान करने के बारे में याचिका में उठाये गये मुद्दे पर गंभीरता से विचार हो रहा है। यह जनहित याचिका अलख आलोक श्रीवास्तव ने दायर की है। शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह संसद को कानून में संशोधन के लिये नहीं कह सकती लेकिन उसने केन्द्र को देश भर में बच्चों के प्रति यौन हिंसा से संबंधित मामलों का विवरण मांगा था। 

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