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Hindi News भारत राष्ट्रीय Rajat Sharma's Blog: पटना के गंगा घाटों का कैसे चमत्कारिक रूप से हुआ कायाकल्प

Rajat Sharma's Blog: पटना के गंगा घाटों का कैसे चमत्कारिक रूप से हुआ कायाकल्प

सबसे ज्यादा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है। राज्य सरकार के सहयोग के बिना जमीनी स्तर पर इस तरह के परिणाम प्राप्त करना मुश्किल है। पीएम मोदी ने वाकई सरकार के काम करने की रफ्तार और मानसिकता दोनों को बदला है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामी गंगे के तहत पटना के 20 में से 16 गंगा घाटों का इस तरह से कायाकल्प किया गया है कि अब इन्हें पहचानना भी मुश्किल हो रहा है। इंडिया टीवी ने बुधवार को अपने शो 'आज की बात' में पटना के गंगा घाटों के सौदर्यीकरण को लेकर स्पेशल स्टोरी दिखाई। पिछले साल तक इनमें से अधिकांश घाट बहुत खराब स्थिति में थे। पिछले साल पटना में आई बाढ़ याद है आपको? इंडिया टीवी समेत मीडिया के एक बड़े तबके ने शहर में एक हफ्ते से ज्यादा समय तक जलभराव रहने पर सवाल उठाए थे।
 
रिवर फ्रंट सौदर्यीकरण परियोजना के तहत पटना में गंगा के 20 में से 16 घाटों का सौंदर्यीकरण कर एक-दूसरे से जोड़ा गया है। कलक्ट्रेट घाट से नौजर घाट तक यह गलियारा करीब 6 किलोमीटर का है। इंडिया टीवी संवाददाता नीतीश चंद्र ने इस पूरे गलियारे का जायजा लिया जहां उन्हें कुछ भी गंदगी नहीं दिखी। दीवारों पर मुधबनी पेंटिंग्स इन घाटों को आकर्षक बनाते है। अब इन घाटों पर सुबह के समय बुजुर्ग लोग मॉर्निंग वॉक के लिए आते हैं और छात्र यहां स्ट्रीट लाइट्स के नीचे बैठकर अध्ययन भी करते हैं। शाम के समय में लोग परिवार के साथ इन घाटों पर टहलने के लिए आते हैं।

अंधेरा घिरने के बाद इन घाटों पर एलईडी की रंगीन रोशनी फैल जाती है और घाटों के सौंदर्य को और आकर्षक बना देती है। लोग रोजाना शाम को इन घाटों पर गंगा आरती करते हैं। अब तक इन घाटों पर 300 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं और काम अभी जारी है। हाई मास्ट स्ट्रीट लाइट के नीचे फूड कियोस्क खुल गए हैं। अब धीरे-धीरे पटना में गंगा के घाट एक पर्यटक स्थल के रूप में उभर रहे हैं।

इस काम का सबसे ज्यादा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है। राज्य सरकार के सहयोग के बिना जमीनी स्तर पर इस तरह के परिणाम प्राप्त करना मुश्किल है।पीएम मोदी ने वाकई सरकार के काम करने की रफ्तार और मानसिकता दोनों को बदला है। इनकी खासियत ये है कि जब योजना बनाते हैं तो शून्य से लेकर शिखर तक हर छोटी-बड़ी चीज खुद फाइनल करते हैं। एक बार योजना फाइनल हो जाए..डेडलाइन तय हो जाए तो फिर उसकी प्रगति पर मोदी खुद ही नजर भी रखते हैं। इसलिए सिस्टम वही है और अफसर भी वही हैं, लेकिन काम करने का तरीका, काम की गति, गुणवत्ता और नतीजा बदल गया है। (रजत शर्मा)

देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 22 जनवरी 2020 का पूरा एपिसोड

 

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