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Hindi News भारत राष्ट्रीय Rajat Sharma's Blog: इमरान खान को बालाकोट जैसे एक और हमले का ख़ौफ क्यों है?

Rajat Sharma's Blog: इमरान खान को बालाकोट जैसे एक और हमले का ख़ौफ क्यों है?

पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल क़मर बाजवा ने भी कमोबेश इसी तरह की बात कही। यह पाकिस्तान के लोगों और उनके सैन्य नेतृत्व की हताशा को दर्शाता है।

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, उनके मंत्री और आर्मी के जनरल कश्मीर मुद्दे पर एकजुटता दिखाने के लिए 14 अगस्त को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में मौजूद थे, लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की भाषा और उनके तेवर बेहद परेशान करनेवाले थे। इमरान खान ने आरोप लगाया कि भारत पाक अधिकृत कश्मीर के अंदर बालाकोट की तरह एक और हमले की योजना बना रहा है, जैसा कि उसने पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद किया था। 

'हमारे पास जो जानकारी है वह यह है कि वे (भारत) कश्मीर में जो कुछ भी कर रहे हैं उससे दुनिया का ध्यान हटाने के लिए एक और अधिक भयावह कार्यक्रम तैयार किया है'- कश्मीर में धारा 370 खत्म किये जाने के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अनदेखी से आहत यह पाकिस्तान का हताश प्रधानमंत्री बोल रहा था। इमरान खान ने यह शपथ ली कि अगर उनके ऊपर हमला होगा तो वे और उनकी सेना 'अंत तक' लड़ेंगे।

पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल क़मर बाजवा ने भी कमोबेश इसी तरह की बात कही। यह पाकिस्तान के लोगों और उनके सैन्य नेतृत्व की हताशा को दर्शाता है। वे कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकवादियों के घटते मनोबल को बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

इंडिया टीवी ने बुधवार को इमरान खान और उनकी सरकार के प्रति पाकिस्तान के आम नागरिकों के गुस्से वाला वीडियो क्लिप दिखाया। पाकिस्तान में जरूरी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं और देश पर कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री पर अपने ही देशवासियों को भरोसा नहीं है, जिन्होंने आम चुनावों में वोट देकर इमरान की पार्टी को जीत दिलायी थी। 

इमरान खान 'कश्मीरियों के साथ एकजुटता' के दिखावे के लिए आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन पाकिस्तानियों के दुख-दर्द को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। वे देश की बिगड़ती अर्थव्यस्था को संकट से उबारने के लिए आईएमएफ, विश्व बैंक, चीन और अरब देशों के पास कोटरा लेकर भीख मांगने के लिए जा रहे हैं।

एक बात ध्यान देने वाली है कि जब भी पाकिस्तान को दूसरे देशों से कर्ज और अनुदान मिलता है, तो वह नियंत्रण रेखा के पार प्रशिक्षण शिविरों में रहने वाले आतंकवादियों को फंड देने के लिए इसका एक बड़ा हिस्सा विभिन्न माध्यमों से जारी करता है। पाकिस्तान की इन्ही संदिग्ध गतिविधियों की वजह से दुनिया के अधिकांश विकसित देश अब आतंकवाद का 'मुकाबला' करने के पाकिस्तान के दावों पर भरोसा नहीं करते हैं।

सत्ता में आने के तुरंत बाद, इमरान खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की खुलकर नकल की। उन्होंने सरकारी खर्चों में कटौती का ऐलान किया, इसके बाद पाकिस्तान में स्वच्छता अभियान शुरू किया, फिर एलईडी बल्ब बांटने शुरू किए जैसा भारत में मोदी सरकार ने किया था। इसके अतिरिक्त भी अन्य कई योजनाओं की इमरान ने नकल की जो भारत में मोदी सरकार ने लागू की थी। 

इमरान खान मोदी की लोकप्रिय योजनाओं की नकल तो कर सकते हैं, लेकिन कई फैसले ऐसे होते हैं जिसे लेने के लिए हिम्मत की जरूरत होती है। जैसे मोदी ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक की इजाजत भारतीय वायुसेना को दी, फिर अनुच्छेद 370 को हटा दिया। इस तरह के फैसलों के लिए जबरदस्त हिम्मत और जज्बा चाहिए। इमरान खान के अंदर साहस की कमी है। यही वजह है कि अब वे भारत की तरफ से बालाकोट जैसे एक और संभावित हमले का रोना रो रहे हैं।

सबसे दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान के पास अवाम को खिलाने के लिए रोटी नहीं है, लेकिन आजकल वहां का हर नेता जंग की धमकी दे रहा है। (रजत शर्मा)

देखिए, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 14 अगस्त 2019 का पूरा एपिसोड

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