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Hindi News भारत राष्ट्रीय अमरनाथ यात्रियों के सुरक्षा काफिले में शामिल वाहन सड़क से फिसला, 3 लोग घायल

अमरनाथ यात्रियों के सुरक्षा काफिले में शामिल वाहन सड़क से फिसला, 3 लोग घायल

कड़ी सुरक्षा के बीच पवित्र अमरनाथ यात्रा के लिए आज श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को जम्मू के बेस कैंप से रवाना किया गया है। उपराज्यपाल और अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज सिन्हा ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं।

amarnath yatra- India TV Hindi Image Source : PTI सुरक्षाकर्मी

उधमपुर/जम्मू: जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में अमरनाथ यात्रियों के सुरक्षा काफिले में शामिल एक वाहन जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर फिसलकर पटल गया, जिससे उसमें सवार एक पुलिस उपाधीक्षक (DSP) सहित तीन लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को शुक्रवार सुबह जम्मू के भगवती नगर शिविर से रवाना किया। इस जत्थे में करीब 3,400 तीर्थयात्री शामिल हैं।

बहुस्तरीय सुरक्षा के बीच, तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा मंदिर में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए कश्मीर के दोनों आधार शिविरों के लिए रवाना हुआ। यह गुफा मंदिर दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित है। उधमपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि सुरक्षा काफिला जम्मू से कश्मीर की ओर जा रहा था, तभी उसमें शामिल एक वाहन बाली नाला क्षेत्र में राजमार्ग से फिसलकर पलट गया। उन्होंने बताया कि हादसे में एक डीएसपी सहित तीन लोग घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

अमरनाथ की गुफा के लिए पहलगाम और बालटाल से है रास्ता
बता दें कि श्री बाबा अमरनाथ जी की गुफा में पहुंचने के लिए मार्ग पहला मार्ग पहलगाम और दूसरा मार्ग बालटाल है। अगर कथा और पुराणों की बात की जाए तो पहलगाम के मार्ग का उसमें जिक्र किया गया है, जबकि बालटाल का रास्ता काफी आसान है और जो यात्री लंबे समय तक नहीं चल पाते, वह अधिकतर बालटाल का रास्ता अपनाते हैं।

रिकॉर्ड तोड़ हो सकती है इस बार की यात्रा
अधिकारिक सूत्रों की बात करें तो इस बार अभी तक तीन लाख के करीब यात्रियों ने अपना पंजीकरण करवाया है, जबकि अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि इस बार यात्रा रिकॉर्ड तोड़ हो सकती है। अगर साल 2022 की बात करें तो उस समय केवल 44 दिन की यात्रा थी जबकि 20 दिन खराब मौसम के चलते यात्रा काफी ज्यादा प्रभावित भी हुई थी।

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