काकीनाडा (आंध्र प्रदेश): आंध्र प्रदेश के कोय्युरू गांव में कोरोना वायरस महामारी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के डर से पिछले 2 साल से दिन में घर से बाहर नहीं निकलने वाली एक मां और उसकी बेटी को मंगलवार को जबरन यहां के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिवार के रिश्तेदारों के अनुसार, परिवार का मुखिया उन्हें हर रोज खाना खिलाता था और पिछले एक हफ्ते से मां-बेटी भोजन नहीं कर रही थी। इस कारण परिवार के मुखिया को अधिकारियों से संपर्क करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
पुलिस की मदद से कराया अस्पताल में भर्ती
परिजनों ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुलिस की मदद से उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। महिला की बेटी ने अधिकारियों से सवाल किया, "जब हम अपने घर में ही रहना चाहते हैं तो आपको क्या समस्या है?" अधिकारी, दोनों मां-बेटी को बाहर आने और उनके साथ सहयोग करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे थे।
काले जादू के डर से घर से बाहर निकलना किया बंद
परिवार के मुखिया सुरीबाबू ने टीवी समाचार चैनलों को बताया कि उनकी पत्नी और बेटी काले जादू से डरती हैं और इसलिए उन्होंने दिन के समय घर से बाहर निकलना बंद कर दिया। सुरीबाबू ने कहा, ‘‘मेरे बार-बार आश्वासन देने के बावजूद वे पिछले दो साल से दिन के समय घर से बाहर नहीं निकले। लेकिन वे रात में शौच के लिए बाहर जाते हैं।’’ जैसे ही उनकी पत्नी का स्वास्थ्य प्रभावित होने लगा, सुरीबाबू ने स्वास्थ्य अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया।
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