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Hindi News भारत राष्ट्रीय अब वायुसेना और नौसेना में तैनात होंगे थलसेना के अफसर, क्रॉस-स्टाफिंग के पीछे है खास रणनीति

अब वायुसेना और नौसेना में तैनात होंगे थलसेना के अफसर, क्रॉस-स्टाफिंग के पीछे है खास रणनीति

भारतीय सेना में एकीकरण की ओर कदम बढ़ा दिए गए हैं। सैन्य अधिकारियों ने आदेश जारी किया है कि अब थल सेना के कुछ अधिकारी वायुसेना और थल सेना में भी तैनात होंगे।

तीनों सेनाओं के एकीकरण की ओर उठाया गया बड़ा कदम- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO तीनों सेनाओं के एकीकरण की ओर उठाया गया बड़ा कदम

भारतीय सेना में एक बड़ी पहल के तहत अब तीनों सेनाओं के एकीकरण को लेकर कदम बढ़ाए जा रहे हैं। खबर है कि आर्मी के कुछ अफसरों को अब वायुसेना और नौसेना में तैनात किया जाएगा। बताया जा रहा है कि मेजर और कैप्टन रैंक के अधिकारिओं के लिए ये आदेश जारी किया गया है और उन्हें अब वायुसेना और नौसेना के युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा।

40 सैन्य अधिकारियों का बैच होगा तैनात
ये आदेश ब्रह्मोस मिलाइल यूनिट के अधिकारियों के लिए जारी किया गया है। सेना की तीनों यूनिट में ही ब्रह्मोस मिलाइल ऑपरेट करने की जरूरत होती है। ब्रह्मोस मिलाइल सेना के लिए बेहद अहम है जो कि हाइपरसोनिक स्पीड से 400 किलोमीटर तक वार कर सकती है। जानकारी है कि तीनों सेनाओं में एकीकरण लाने और थिएटर कमांड के निर्माण की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में, लगभग 40 सैन्य अधिकारियों का एक बड़ा बैच जल्द ही भारतीय वायु सेना और नौसेना के प्रतिष्ठानों में तैनात किया जाएगा। 

मेजर और लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के अधिकरियों की क्रॉस-स्टाफिंग
सेना के टॉप अधिकारयों ने बताया कि जिन अधिकारी को क्रॉस-स्टाफिंग पोस्टिंग का हिस्सा बनाया जा रहा है, वे कार्यकारी स्तर पर मेजर और लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर हैं। अपने पदों पर रहते हुए वे जिन जिम्मेदारियों को निभाते हैं, इसी तरह की ड्यूटी करने के लिए भारतीय वायुसेना और नौसेना के अधिकारियों की एक समान संख्या में सैन्य प्रतिष्ठानों में तैनात किए जाने की संभावना है।

सेना के एकीकरण के पीछे होगा ये फायदा
जिन अधिकारियों की क्रॉस-स्टाफिंग की जाएगी, उन्हें मिसाइल यूनिट्स में भी ट्रांसफर किया जाएगा। ऐसा इसलिए ताकि वे यूएवी को भी संभालने ट्रेनिंग ले सकें। इसके साथ ही उन्हें लॉजिस्टिक्स, मरम्मत और सामग्री व आपूर्ति प्रबंधन जैसी अन्य भूमिकाओं के लिए भी तैयार किया जाएगा। बता दें कि कई यूएवी और हथियार प्रणालियां, रडार, वाहन, दूरसंचार उपकरण और अन्य तकनीक तीनों यूनिट (सेना, वायुसेना, नौसेना) में ही कॉमन हैं।

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