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Hindi News भारत राष्ट्रीय अतीक अहमद की बहन ने अब योगी के इस मंत्री पर अपने परिवार को फंसाने का लगाया आरोप

अतीक अहमद की बहन ने अब योगी के इस मंत्री पर अपने परिवार को फंसाने का लगाया आरोप

यूपी के प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद पूर्व सांसद और हिस्ट्रीशीटर अतीक अहमद चर्चा में बना हुआ है। इस हत्याकांड में सीधे तौर पर उसका और उसके परिजनों का नाम सामने आ रहा है।

अतीक अहमद- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO अतीक अहमद

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश): जेल में बंद माफिया डॉन अतीक अहमद की छोटी बहन आयशा नूरी ने राज्य के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, उनकी पत्नी और प्रयागराज की मेयर अभिलाषा गुप्ता पर उनके भाई और अतीक अहमद को उमेश पाल हत्याकांड में फंसाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। आयशा और उनके परिवार की दो अन्य महिलाओं ने संवाददाताओं से कहा, नंदी ने अतीक से 5 करोड़ रुपये उधार लिए थे और वह राशि वापस करने के मूड में नहीं हैं। अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के बहुजन समाज पार्टी (BSP) में शामिल होने और मेयर का चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद कैबिनेट मंत्री और उनकी पत्नी परेशान हैं, इसीलिए उन्होंने अतीक और परिवार के खिलाफ साजिश रची।

'पूछताछ के बहाने परिवार के सदस्यों को प्रताड़ित किया जा रहा'
नूरी ने आरोप लगाया कि STF और पुलिस के शीर्ष अधिकारी फर्जी मुठभेड़ में अतीक और अशरफ को मारने की धमकी दे रहे हैं और पूछताछ के बहाने परिवार के सभी सदस्यों को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री को चुनौती दी, तो उन्होंने कहा 'मिट्टी में मिला दूंगा'। इससे पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ को भी अतीक और अशरफ को निशाना बनाने का फायदा मिला। उन्होंने राज्य सरकार से अतीक और अशरफ सहित अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

योगी के मंत्री नंदी ने दी सफाई
इस बीच, नंदी ने एक ट्वीट में कहा कि मामले की जांच सही दिशा में जा रही है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग निराधार आरोप लगाने के निर्थक प्रयास कर रहे हैं, जो असत्य और बकवास है। उन्होंने कहा, इन बातों को मेयर के चुनाव से जोड़ना हास्यास्पद है। नंदी ने प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में कानून का शासन है। योगी सरकार अपराधियों और माफियाओं के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। उमेश पाल हत्याकांड में भी कार्रवाई पूरी सख्ती के साथ इसी दिशा में अग्रसर है इसीलिए ये बेसिर-पैर की बातें मूल मुद्दे से ध्यान भटकाने और गुमराह करने का असफल प्रयास है।

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