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मुझे ‘माई लॉर्ड’ कहना बंद करें, मैं आपको अपना आधा वेतन दे दूंगा : न्यायाधीश

उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान एक अधिवक्ता से कहा कि मुझे माई लॉर्ड कहना बंद करें, मैं आपको आधा वेतन दे दूंगा। न्यायाधीश ने अधिवक्ता द्वारा बार-बार माई लॉर्ड कहे जाने पर टोकते हुए यह बात कही।

पी. एस. नरसिम्हा।- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA पी. एस. नरसिम्हा।

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश ने न्यायिक कार्यवाही के दौरान अधिवक्ताओं द्वारा बार-बार ‘माई लॉर्ड’ और ‘योर लॉर्डशिप्स’ कहे जाने पर नाखुशी जताई है। कि न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ में शामिल न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा ने बुधवार को एक नियमित मामले की सुनवाई के दौरान एक वरिष्ठ अधिवक्ता से कहा कि ‘आप कितनी बार 'माई लॉर्ड्स' कहेंगे? यदि आप यह कहना बंद कर देंगे, तो मैं आपको अपना आधा वेतन दे दूंगा।’

बार-बार संबोधित करने पर जताई नाराजगी

बता दें कि अधिवक्ता बहस के दौरान न्यायाधीशों को हमेशा ‘माई लॉर्ड’ या ‘योर लॉर्डशिप’ कहकर संबोधित करते हैं। इस प्रथा का विरोध करने वाले अक्सर इसे औपनिवेशिक युग का अवशेष और गुलामी की निशानी कहते हैं। न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने कहा कि ‘आप इसके बजाय 'सर' का उपयोग क्यों नहीं करते?’ उन्होंने कहा कि अन्यथा वह गिनना शुरू कर देंगे कि वरिष्ठ अधिवक्ता ने कितनी बार ‘माई लॉर्ड्स’ शब्द का उच्चारण किया। 

इस तरह से संबोधित नहीं करने को लेकर प्रस्ताव पारित

भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) ने 2006 में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें निर्णय लिया गया था कि कोई भी वकील न्यायाधीशों को ‘माई लॉर्ड’ और ‘योर लॉर्डशिप’ कहकर संबोधित नहीं करेगा, लेकिन व्यवहार में इसका पालन नहीं किया जा सका।

(इनपुट : भाषा)

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