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Hindi News भारत राष्ट्रीय केरल सरकार ने छात्र की मौत के मामले में उठाया बड़ा कदम, सीबीआई से जांच कराने की घोषणा की

केरल सरकार ने छात्र की मौत के मामले में उठाया बड़ा कदम, सीबीआई से जांच कराने की घोषणा की

चूंकि मृतक की मां मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए एक याचिका भी दायर कर चुकी हैं, इसलिए विजयन ने परिवार को बताया कि उन्होंने उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है।

CBI - India TV Hindi Image Source : FILE सीबीआई से जांच कराने की घोषणा

तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य के एक पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय में एक छात्र की हाल ही में हुई मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का शनिवार को फैसला लिया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, 20 वर्षीय छात्र सिद्धार्थन जेएस के पिता और रिश्तेदार विजयन से मिलने आए और उन्होंने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की। बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने उन्हें (छात्र के पिता और रिश्तेदार को) बताया कि पुलिस निष्पक्षता से मामले की जांच कर रही है और सभी आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। 

बयान में बताया गया, चूंकि मृतक की मां मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए एक याचिका भी दायर कर चुकी हैं, इसलिए विजयन ने परिवार को बताया कि उन्होंने उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। मृतक के पिता ने यहां संवाददाताओं से कहा कि विजयन ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जरूरत पड़ने पर मामला सीबीआई को सौंप दिया जाएगा, जिसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से यह बयान जारी किया गया।

क्या है पूरा मामला?

मृतक छात्र के पिता ने बताया कि उन्होंने आज मुख्यमंत्री से मुलाकात की और अपने बेटे की मौत के मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। सिद्धार्थन 18 फरवरी को कॉलेज छात्रावास के शौचालय के अंदर फंदे से लटका हुआ पाया गया था। मृतक के पिता ने यह भी कहा कि उन्होंने विजयन को बताया कि जैसा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मालूम हुआ है कि उनके बेटे को लगी चोटों को देखते हुए कई डॉक्टरों ने ऐसा कहा है कि सिद्धार्थन फंदे पर लटकने के लिए खुद से खड़ा भी नहीं हो सकता था। 

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैंने मुख्यमंत्री से कहा कि मेरे बेटे की हत्या हुई है और यह मामला आत्महत्या का नहीं है।’’ उन्होंने संवाददाताओं से यह भी कहा कि वायनाड जिले के पूकोडे में स्थित पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान कॉलेज के डीन और छात्रावास के सहायक वार्डन को सिर्फ निलंबित करना पर्याप्त नहीं है। इसी कॉलेज के छात्रावास में सिद्धार्थन की मौत हुई थी। मृतक के पिता ने आरोपियों को सेवा से बर्खास्त करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। पुलिस ने अदालत में दाखिल अपनी रिमांड रिपोर्ट में बताया कि छात्र की बेरहमी से पिटाई की गई थी। 

रिपोर्ट के मुताबिक, सिद्धार्थन की पिटाई करने के लिए बेल्ट और केबल तार का इस्तेमाल किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया कि सिद्धार्थन पर कॉलेज की एक छात्रा के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में छात्रावास के अंदर उसके सहपाठियों और वरिष्ठ विद्यार्थियों ने सभा की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, ''उसे निर्वस्त्र कर आरोपियों ने उसकी बेरहमी से पिटाई की। उनमें से कुछ ने बेल्ट और केबल की तार का इस्तेमाल किया।'' 

इसमें बताया गया कि आरोपी छात्रों ने 16 फरवरी की रात करीब नौ बजे से सिद्धार्थन को पीटना शुरू किया और देर रात दो बजे तक उसे पीटते रहे। पुलिस ने मामले में 18 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 324 (खतरनाक हथियार से जानबूझकर चोट पहुंचाना), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और केरल रैगिंग निषेध अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। सिद्धार्थन पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन स्नातक पाठ्यक्रम में द्वितीय वर्ष का छात्र था। (इनपुट: भाषा)

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