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Hindi News भारत राष्ट्रीय Kerala News: सीएम पिनराई विजयन के करीबी नेता वेल्लापल्ली नतेसन का बेतुका बयान, कहा- स्कूल में लड़के-लड़कियों का साथ बैठना 'अराजकता' पैदा करता है

Kerala News: सीएम पिनराई विजयन के करीबी नेता वेल्लापल्ली नतेसन का बेतुका बयान, कहा- स्कूल में लड़के-लड़कियों का साथ बैठना 'अराजकता' पैदा करता है

Kerala News: वेल्लापल्ली नतेसन ने कहा- ''यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एलडीएफ सरकार खुद को एक धर्मनिरपेक्ष सरकार कहने के बावजूद धार्मिक दबाव के आगे झुक रही है और अपने कुछ फैसलों पर देर तक टिकती नहीं है। इससे समाज में गलत संदेश जाता है।''

वेल्लापल्ली नतेसन- India TV Hindi Image Source : TWITTER/@NATESANVK वेल्लापल्ली नतेसन

Highlights

  • मैं स्कूल में लड़के-लड़कियों के साथ बैठने के पक्ष में नहीं हूं: नतेसन
  • हम अमेरिका या इंग्लैंड में नहीं रह रहे हैं: नतेसन
  • हमारी अपनी संस्कृति है: नतेसन

Kerala News: केरल में संख्या की दृष्टि से मजबूत हिंदू एझावा समुदाय के नेता वेल्लापल्ली नतेसन ने कहा है कि लड़कियों और लड़कों का कक्षाओं में एक साथ बैठना ‘भारतीय संस्कृति के खिलाफ’ है और यह ‘अराजकता’ पैदा करता है। केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) नीत सरकार की लिंग तटस्थ नीति पर रविवार को यहां मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए नतेसन ने ये बातें कहीं। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के बेहद करीबी माने जाने वाले नतेसन ने कहा, ‘‘हम श्री नारायण धर्म परिपालन योगम (एसएनडीपी), कक्षाओं में लड़कियों और लड़कों के एक साथ बैठने के पक्ष में नहीं हैं। हमारी अपनी संस्कृति है। हम अमेरिका या इंग्लैंड में नहीं रह रहे हैं।’’ 

'लड़के-लड़कियों का गले लगना हमारी संस्कृति नहीं' 

एसएनडीपी महासचिव ने कहा, ‘‘हमारी संस्कृति लड़कों और लड़कियों द्वारा एक दूसरे को गले लगाने और साथ बैठने को स्वीकार नहीं करती है। आप ईसाई और मुस्लिम शैक्षणिक संस्थानों में ऐसा होते नहीं देखते हैं।’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) और एसएनडीपी द्वारा प्रबंधित शिक्षण संस्थानों में ऐसी चीजें हो रही हैं। एनएसएस और एसएनडीपी राज्य में दो प्रमुख हिंदू जाति संगठन हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार ‘अराजकता पैदा करता है’ और आप इसे हिंदू संगठनों द्वारा प्रबंधित कॉलेजों में देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक कारण है कि ऐसे संस्थानों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से अच्छे ग्रेड या वित्त पोषण नहीं मिलता है।

एलडीएफ सरकार धार्मिक दबाव में झुक रही है

उन्होंने कहा कि 18 साल से कम उम्र के या कॉलेजों में जो युवा छात्र-छात्राएं हैं उन्हें साथ नहीं बैठना चाहिए या एक दूसरे को गले नहीं लगाना चाहिए क्योंकि वे अब भी पढ़ रहे हैं। नतेसन ने कहा कि जब बच्चे बड़े हो जाते हैं और परिपक्व हो जाते हैं, तो वे जो चाहें कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों का एक साथ बैठना और एक-दूसरे को गले लगाना भारत में ठीक नहीं है। नतेसन ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एलडीएफ सरकार खुद को एक धर्मनिरपेक्ष सरकार कहने के बावजूद धार्मिक दबाव के आगे झुक रही है और अपने कुछ फैसलों पर देर तक टिकती नहीं है। इससे समाज में गलत संदेश जाता है। वह हाल में राज्य सरकार द्वारा की गई उस घोषणा का जिक्र कर रहे थे जिसमें कहा गया था कि सरकार यह तय नहीं करने जा रही है कि बच्चों को कौन सा यूनिफॉर्म पहनना चाहिए या उन्हें मिश्रित स्कूलों में जाना चाहिए या नहीं। राज्य सरकार को उसकी लिंग तटस्थ शिक्षा नीति को लेकर विभिन्न मुस्लिम संगठनों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

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