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Hindi News भारत राष्ट्रीय Rajasthan High court: प्रेग्नेंट होने के लिए पति के पैरोल की लगाई थी याचिका, अब बच्चा पैदा करने के लिए पत्नी के साथ रहेगा रेपिस्ट

Rajasthan High court: प्रेग्नेंट होने के लिए पति के पैरोल की लगाई थी याचिका, अब बच्चा पैदा करने के लिए पत्नी के साथ रहेगा रेपिस्ट

Rajasthan High court: राजस्थान में POCSO एक्ट में राहुल को पैरोल मिलने का पहला मामला है, लेकिन प्रेग्नेंसी की मांग को लेकर प्रदेश में किसी कैदी को पैरोल पर छोड़ने का ये दूसरा मामला है।

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Highlights

  • 15 दिन के पैरोल पर कैदी को छोड़ा गया
  • बच्चा पैदा करने के लिए पत्नी ने लगाई थी याचिका
  • हाईकोर्ट ने सुनाया अपना एतिहासिक फैसला

Rajasthan High court: पंजाब की एक अदालत ने हाल ही में जेल परिसर में कैदियों को अपने वंश को बनाए रखने के लिए अपने जीवनसाथी के साथ समय बिताने के लिए एक अलग कमरा स्थापित करने का आदेश दिया था, जिसके बाद राजस्थान हाई कोर्ट ने अब बलात्कार के दोषी को 15 दिन की पैरोल दी है ताकि वह अपने वंश को आगे बढ़ा सके। हाई कोर्ट ने हाल ही में नाबालिग से सामूहिक बलात्कार के आरोप में POCSO एक्ट के तहत अलवर जेल में 20 साल की सजा काट रहे राहुल बघेल (22) को अपनी पत्नी बृजेश देवी (25) के साथ समय बिताने के लिए रिहा करने का आदेश दिया। बघेल बुधवार को पैरोल पर रिहा हुआ।

राजस्थान के इतिहास में पहली बार दी गई बलात्कारी को पैरोल

एक अधिकारी ने कहा कि राजस्थान में यह पहला फैसला है जिसमें बलात्कार के दोषी को पैरोल दी गई है। राजस्थान के पैरोल नियमों के तहत, बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के दोषी को आमतौर पर पैरोल नहीं दी जाती है या उसे ओपन जेल में नहीं भेजा जाता है। लेकिन हाई कोर्ट ने महिला के संवैधानिक अधिकारों को ध्यान में रखते हुए वंश के संरक्षण के उद्देश्य से पैरोल पर अपने पति की रिहाई के लिए बृजेश देवी द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया। हैरानी की बात है कि हाई कोर्ट ने इस तथ्य की अनदेखी की कि कैदी POCSO एक्ट के तहत 20 साल की सजा काट रहा है, बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के दोषी को आमतौर पर पैरोल नहीं दी जाती है या उसे ओपन जेल नहीं भेजा जाता है। बघेल को अलवर जिले के हनीपुर में 2019 में 16 साल की बच्ची के साथ बलात्कार करने के आरोप में 13 जून, 2020 को अलवर पोक्सो कोर्ट ने 20 साल की जेल की सजा सुनाई थी।

Image Source : IndiaTVRapist Rahul

बलात्कारी की पत्नी ने हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका

बृजेश देवी ने बच्चे पैदा करने के अपने मौलिक और संवैधानिक अधिकार का हवाला देते हुए 13 जुलाई को अलवर जिला अदालत में एक आपातकालीन पैरोल याचिका दायर की थी। एक सप्ताह के बाद 20 जुलाई को उसने बघेल के लिए 30 दिन की पैरोल की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन हाईकोर्ट ने बघेल को 15 दिन के पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है। याचिका में कहा गया है कि दंपति को बच्चा पैदा करने से रोकना संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 की भावना के खिलाफ होगा। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति समीर जैन की दोहरी पीठ ने संतान की कमी के आधार पर राजस्थान प्रिजनर्स रिलीज ऑन पैरोल रूल्स के नियम 11(1)(3) के तहत याचिका स्वीकार कर ली।

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