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Hindi News भारत राष्ट्रीय किसानों के वापस जाने से सूना हुआ SKM हेडक्वॉर्टर, पहले रहती थी खूब चहल-पहल

किसानों के वापस जाने से सूना हुआ SKM हेडक्वॉर्टर, पहले रहती थी खूब चहल-पहल

मुख्यालय के लोहे के जिस द्वार पर SKM के स्वयंसेवक आगंतुकों पर नजर रखते थे, आज सुबह वहां सन्नाटा पसरा दिखा।

Samyukta Kisan Morcha, Farmers, Farmers Agitation, Farmers Agitation End- India TV Hindi Image Source : PTI शनिवार को सिंघू बॉर्डर पर स्थित संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के मुख्यालय में सन्नाटा पसरा दिखा।

Highlights

  • कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया गया है, जिनके खिलाफ किसानों ने लगभग एक साल तक विरोध प्रदर्शन किया।
  • किसान अपने तंबू और अन्य ढांचे उखाड़ने और सामान पैक करने में व्यस्त दिखे।
  • लोहे के जिस द्वार पर SKM के स्वयंसेवक आगंतुकों पर नजर रखते थे, आज सुबह वहां सन्नाटा पसरा दिखा।

नयी दिल्ली: केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले किसानों के अपने-अपने घरों की ओर लौटने के बाद शनिवार को सिंघू बॉर्डर पर स्थित संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के मुख्यालय में सन्नाटा पसर गया। कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया गया है, जिनके खिलाफ किसानों ने लगभग एक साल तक विरोध प्रदर्शन किया। हरियाणा के कुंडली में प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा बंद किये राजमार्ग पर टाइल के गोदाम में स्थित SKM मुख्यालय आंदोलन के दौरान किसानों का केंद्र हुआ करता था।

अपने तंबू उखाड़ने में व्यस्त दिखे किसान
SKM मुख्यालय में आंदोलन के दौरान अनिगनत बैठकें और प्रेस कॉन्फ्रेंस हुए। मुख्यालय के लोहे के जिस द्वार पर SKM के स्वयंसेवक आगंतुकों पर नजर रखते थे, आज सुबह वहां सन्नाटा पसरा दिखा। किसान अपने तंबू और अन्य ढांचे उखाड़ने और सामान पैक करने में व्यस्त दिखे। मुख्यालय के अंदर लगभग 60 साल की आयु के व्यक्ति बलिराम भोजन कर रहे थे। वह गोदाम में चौकीदार के तौर पर काम करते हैं। बिहार के बेगुसराय के रहने वाले बलिराम ने कहा, 'इस जगह बहुत चहल-पहल रहती थी और किसान नेता यहां रोजाना बैठकें और चर्चा करते थे। अब देखिये, मैं यहां अकेला हूं।'

SKM 40 किसान संघों का नेतृत्व करने वाला संगठन है
पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान संघों के नेताओं ने एसकेएम मुख्यालय में अपनी कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं, जिसमें पिछले गुरुवार को हुई एक बैठक भी शामिल है, जिसमें उन्होंने अपना आंदोलन स्थगित करने और राजमार्ग खाली करने की घोषणा की थी। एसकेएम 40 किसान संघों का नेतृत्व करने वाला संगठन है, जो केंद्र के तीन कृषि कानूनों कानूनों को निरस्त करने और फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहा था। 

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