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Hindi News भारत राजनीति 'कहानी यह नहीं कि वो गए, कहानी ये कि हम नहीं जा रहे', आजाद के इस्तीफे पर बोले सलमान खुर्शीद

'कहानी यह नहीं कि वो गए, कहानी ये कि हम नहीं जा रहे', आजाद के इस्तीफे पर बोले सलमान खुर्शीद

सलमान खुर्शी ने कहा, आज कांग्रेस पार्टी एक जंग के मैदान में खड़ी है, हमारा कोई सिपाही या कमांडर छोड़ कर जाता है तो उसका सीधा प्रभाव हमपर पड़ता है। पार्टी के समर्थन में खड़े रहने वाले लोगों पर भी इसका सीधा असर पड़ता है।

Salman Khurshid- India TV Hindi Image Source : PTI Salman Khurshid

Highlights

  • आजाद ने सोनिया गांधी को 5 पन्नों का इस्तीफा भेजा
  • नाम लिए बिना राहुल गांधी पर आजाद ने लगाए आरोप
  • कांग्रेस ने आजाद को बनाया था चुनाव अभियान समिति का प्रमुख

Ghulam Nabi Azad Resigns: कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिए जाने के बाद पार्टी के नेताओं नें ही पलटवार करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद नें कहा, "मुझसे यदि किसी नें बात की होती तो मुझे मालूम होता। उनको अगर कुंठा, तकलीफ या कोई शिकायत थी तो अगर वह हमें पार्टी में बराबर मानते या साथी मानते तो बताते और उसमें यदि उनको सहयोग करने की जरूरत होती तो वो भी हम करते।"

'आज कांग्रेस पार्टी एक जंग के मैदान में खड़ी है'
उन्होंने कहा, आज कांग्रेस पार्टी एक जंग के मैदान में खड़ी है, हमारा कोई सिपाही या कमांडर छोड़ कर जाता है तो उसका सीधा प्रभाव हमपर पड़ता है। पार्टी के समर्थन में खड़े रहने वाले लोगों पर भी इसका सीधा असर पड़ता है। कहानी यह नहीं कि वे गए, कहानी ये है कि हम नहीं जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, पार्टी के हर दौर में हम लोग साथ रहे हम लोग अच्छे वक्त से निकले तो हमें कुछ न कुछ पार्टी नें दिया लेकिन आज हम पार्टी को छोड़ें वो ठीक नहीं।

'पहले संसद में मोदी के आंसू, फिर पद्म विभूषण...'
वहीं कांग्रेस वरिष्ठ नेता जयराम रमेश नें कहा, जिस व्यक्ति को कांग्रेस नेतृत्व ने सबसे ज्यादा सम्मान दिया, उसी व्यक्ति ने कांग्रेस नेतृत्व पर व्यक्तिगत आक्रमण करके अपने असली चरित्र को दर्शाया है। पहले संसद में मोदी के आंसू, फिर पद्म विभूषण, फिर मकान का एक्सटेंशन। यह संयोग नहीं सहयोग है।

आजाद ने सोनिया गांधी को 5 पन्नों का इस्तीफा भेजा
गौरतलब है कि आजाद ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को 5 पन्नों का इस्तीफा भेजा, हालांकि इसी बीच जानकारी सामने आ रही है कि आजाद अपनी नई राजनितिक पार्टी बनाएंगे। गुलाम नबी आजाद ने अपने त्याग पत्र में पार्टी को बर्बाद करने के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि अध्यक्ष पद के लिए वह ऐसे व्यक्ति को चुनेंगे जो बस कठपुतली बनकर रहे और पर्दे के पीछे सारे निर्णय वह खुद ही लें। आजाद ने आरोप लगाया कि 2020 में पार्टी में सुधार की मांग करने वाले जी-23 नेताओं को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में गाली दी गई, अपमानित किया गया और बदनाम किया गया।

अपने त्याग पत्र में उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से, कांग्रेस पार्टी में स्थिति ऐसी हो गई है कि अब पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए प्रॉक्सी का सहारा लिया जा रहा है। यह प्रयोग निश्चित रूप से विफल होगा। पार्टी इस तरह बर्बाद हो गई है कि स्थिति हाथ से निकल गई है। इसके अलावा, 'चुना हुआ अध्यक्ष' एक कठपुतली से ज्यादा कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को और राज्य स्तर पर क्षेत्रीय दलों को स्थान दिया है।

नाम लिए बिना राहुल गांधी पर लगाए आरोप
उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना आरोप लगाया, यह सब इसलिए हुआ क्योंकि पिछले 8 सालों में पार्टी नेतृत्व ने शीर्ष पर एक गैर-गंभीर व्यक्ति को बिठाने की कोशिश की। दिग्गज नेता ने आरोप लगाया कि AIC चलाने वाली मंडली के निर्देश पर जम्मू में उनका नकली अंतिम संस्कार जुलूस निकाला गया और इस अनुशासनहीनता के लिए एआईसीसी के महासचिव और राहुल गांधी के समर्थकों ने उनका व्यक्तिगत रूप से स्वागत किया।

आजाद ने पत्र में लिखा, इसके बाद उसी मंडली ने अपने गुंडों को एक पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल के आवास पर हमला करने के लिए उकसाया, जो अदालतों में आप और आपके परिजनों की चूक पर बचाव कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिन 23 वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी की चिंता से यह पत्र लिखा था, उनका एकमात्र अपराध यह है कि उन्होंने पार्टी की कमजोरियों के कारणों और उसके उपचार के बारे में बताया।

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