A
Hindi News लाइफस्टाइल हेल्थ बच्चों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक हैं सेकंड हैंड प्लास्टिक के खिलौने, जानें कैसे!

बच्चों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक हैं सेकंड हैंड प्लास्टिक के खिलौने, जानें कैसे!

क्या आपको पता है कि ऐसे कई सेकंड हैंड खिलौने बच्चों के स्वास्थ्य के लिये खतरा पैदा कर सकते हैं....

Representational Image | Pixabay- India TV Hindi Representational Image | Pixabay

लंदन: भारत में यूं तो सेकंड हैंड प्लास्टिक के खिलौनों का कोई बड़ा बाजार नहीं हैं, लेकिन लोग अक्सर NGO वगैरह के बच्चों को खेलने के लिए ऐसे खिलौने देते रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसे कई सेकंड हैंड खिलौने बच्चों के स्वास्थ्य के लिये खतरा पैदा कर सकते हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि प्लास्टिक अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा दिशा-निर्देशों को पूरा नहीं करता है। एक नए रिसर्च में यह बात पता चली है। ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ प्लाईमाउथ से वैज्ञानिकों ने इस्तेमाल किए गए 200 प्लास्टिक के खिलौनों का विश्लेषण किया। इन खिलौनों को उन्होंने घरों, नर्सरी एवं चैरिटी दुकानों से प्राप्त किया था।

इन खिलौनों में कार, ट्रेन, कंस्ट्रक्शन प्रोडक्ट, आकृतियां एवं पजल्स शामिल थे। इन सभी का आकार इतना था कि उन्हें छोटे बच्चे चबा सकते हैं। इन खिलौनों में उन्हें एंटिमोनी, बेरियम, ब्रोमाइन, कैडमियम, क्रोमियम, लेड एवं सेलेनियम सहित हानिकारक तत्वों की उच्च सांद्रता मिली थी। ये तत्व बच्चों के लिये लंबे समय तक जहरीले होते हैं। आगे की जांच में यह पता चला कि कई खिलौनों ने ब्रोमाइन, कैडमियम या लेड का स्त्राव किया, जो यूरोपीयन काउंसिल्स टॉय सेफ्टी डाइरेक्टिव द्वारा तय मानकों से अधिक हैं।

यह अध्ययन ‘एनवायरनमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ। अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने प्रत्येक खिलौने में इन तत्वों की मौजूदगी का विश्लेषण करने के लिये एक्स-रे फ्लोरेसेंस (XRF) स्पेक्ट्रोमीट्री का इस्तेमाल किया था। यूनिवर्सिटी ऑफ प्लाईमाउथ के एंड्रयू टर्नर ने कहा, ‘सेकंड हैंड खिलौने परिवारों के लिए लुभावना विकल्प होते हैं क्योंकि इन्हें सीधे-सीधे दोस्तों या रिश्तेदारों से अथवा बेहद सस्ती दर पर और चैरिटी दुकानों, छोटी-मोटी दुकानों एवं इंटरनेट से आसानी से तुरंत प्राप्त किया जा सकता है।’

Latest Lifestyle News