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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र सोमवती अमावस्या: 12 साल बाद अमावस्या में बन रहा है दुर्लभ संयोग, ऐसे करें पितरों को प्रसन्न

सोमवती अमावस्या: 12 साल बाद अमावस्या में बन रहा है दुर्लभ संयोग, ऐसे करें पितरों को प्रसन्न

डेस्क: साल की आखिरी अमावस्या पौष मास अमावस्या है। जिसका काफी महत्व होता है। इस महिने सूर्य धनु राशि में होता है। जिसके कारण यह महीना शुभ माना जाता है। इस बार अमावस्या में बहुत ही शुभ संयोग है। जो कि पूरे 12 साल बाद पड़ा है।

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धर्म डेस्क: साल की आखिरी अमावस्या पौष मास अमावस्या है। जिसका काफी महत्व होता है। इस महिने सूर्य धनु राशि में होता है। जिसके कारण यह महीना शुभ माना जाता है। इस बार अमावस्या में बहुत ही शुभ संयोग है। जो कि पूरे 12 साल बाद पड़ा है। इस बार सोमवती अमावस्या 18 दिसंबर, सोमवार को है। इससे पहले ऐसी अमावस्या 2005 में पड़ी थी।

18 दिसंबर को पड़ने वाली पौष अमावस्या के दिन सर्वार्थसिद्ध योग लग रहा है। जिसके कारण इसका महत्व दोगुना बढ़ गया है। माना जा रहा है इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके पूजा पाठ करने से विशेष पुण्‍य मिलता है। साथ ही इस योग के कारण पूजा का महत्व भी बढ़ जाता है।

जिन लोगों की कुंडली में विष योग, काल सर्प दोष, अमावस्या दोष है, वो लोग इस दिन अपने दोष का निवारण कर सकते हैं। इस दिन पितरों की शांति के लिए अच्छा माना जाता है। इस दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिये और पितृ दोष से मुक्ति के लिये खीर-पूड़ी का प्रसाद बनाकर, गोबर के कंडे जलाकर, उस पर पितरों के निमित्त खीर-पूड़ी का भोग लगाएं और अपने दाहिने तरफ दोनों हाथों से थोड़ा-सा पानी छोड़ दें। इसके बाद गाय को प्रसाद खिलाएं और घर के सभी सदस्यों को भी प्रसाद दें। पितरों के आशीर्वाद से आपके सारे काम बनेंगे।

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