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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र मनुष्य के अंदर इस जानवर के गुण होना है बेहद जरूरी, तभी हर काम में मिलेगी सफलता

मनुष्य के अंदर इस जानवर के गुण होना है बेहद जरूरी, तभी हर काम में मिलेगी सफलता

खुशहाल जिंदगी के लिए आचार्य चाणक्य ने कई नीतियां बताई हैं। अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं तो चाणक्य के इन सुविचारों को अपने जीवन में जरूर उतारिए।

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आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार कोई भी काम छोटा या फिर बड़ा नहीं होता इसी पर आधारित है। 

'छोटा हो या फिर बड़ा, जो भी काम करें उसे अपनी पूरी शक्ति लगाकर करना चाहिए। ये गुण हमें शेर से सीखना चाहिए।' आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि कोई भी काम बड़ा या फिर छोटा नहीं होता। जब भी मनुष्य कोई भी काम को करें तो उसे पूरा करने के लिए अपनी सारी शक्ति लगा दे। ऐसा करने वाला मनुष्य ही जीवन में सफल होता है।

असल जिंदगी में कई बार ऐसा देखा गया है कि कई बार मनुष्य काम को लेकर कुछ ऐसी बातें बोल देता है जो सुनने में अशोभनीय लगती हैं। उदाहरण के तौर पर कुछ लोगों को अपने घर का काम करना, अपने स्तर से किसी निचले स्तर के व्यक्ति से बात करना या फिर अपने से निचले लोगों की मदद करना भी अच्छा नहीं लगता। कई बार तो वो लोगों को काम के आधार पर भी उनसे बात करना पसंद करते हैं। अगर कोई मल्टी नेशनल कंपनी में काम कर रहा है तो उससे तो वो बात करना पसंद करेगा लेकिन अपने घर में काम करने वाली बाई को वो हीन भावना से देखेगा। 

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ऐसा इसलिए क्योंकि उसकी नजर में इंसान की नहीं वो क्या काम कर रहा है उससे ज्यादा मतलब रखता है। अगर आप भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं तो बिल्कुल ना करें, क्योंकि कोई भी काम छोटा या फिर बड़ा नहीं होता। मायने ये रखता है कि आप अपने काम को कितनी ईमानदारी और लगन के साथ करते हैं। ईमानदारी और मेहनत के बल पर किया गया कोई भी काम छोटा या फिर बड़ा नहीं होता।

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आचार्य चाणक्य का कहना है कि मनुष्य को ये गुण शेर से सीखना चाहिए। शेर के सामने जब भी को जीव आता है और उसे भूख लग रही होती है तो वो अपने शिकार को पूरी शक्ति लगाकर हासिल करने की कोशिश करता है। वो उस वक्त ये नहीं सोचता कि मैं उससे ज्यादा बलशाली हूं तो वो उसे असानी से हासिल कर लेगा। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि छोटा हो या फिर बड़ा, जो भी काम करें उसे अपनी पूरी शक्ति लगाकर करना चाहिए। ये गुण हमें शेर से सीखना चाहिए।

 

 

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