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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र आचार्य चाणक्य की इस लाइन में ही छिपा है मनुष्य की जिंदगी का पूरा सार, जानने में ही है भलाई

आचार्य चाणक्य की इस लाइन में ही छिपा है मनुष्य की जिंदगी का पूरा सार, जानने में ही है भलाई

खुशहाल जिंदगी के लिए आचार्य चाणक्य ने कई नीतियां बताई हैं। अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं तो चाणक्य के इन सुविचारों को अपने जीवन में जरूर उतारिए।

Chanakya Niti- चाणक्य नीति- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Chanakya Niti- चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि जीवन में किस तरह का आपको बनना है ये आप पर निर्भर करता है। 

Chanakya Niti: इस तरह का मनुष्य कभी भी नहीं दे सकता धोखा, आंख बंद करके कर सकते हैं विश्वास

'शेर के साथ रहोगे तो वह जीवन से संघर्ष करना सिखाएगा लेकिन अगर किसी गधे के साथ रहोगे तो वो हालातों के सामने झुकना सिखाएगा।' आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य ने इस कथन में कहा है कि मनुष्य को अपने जीवन में किस तरह का बनना है ये उस पर निर्भर करता है। अगर आपको जीवन में परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए जीवन बिताना है तो आपको शेर के समान व्यक्ति के साथ रहना होगा। इसके उलट अगर आप हालातों के सामने समझौता कर सिर झुका लेगें तो आप किसी मूर्ख से कम नहीं है।

असल जिंदगी में मनुष्य का कई तरह के लोगों से आमना सामना होता है। ऐसे में ये आप पर निर्भर करता है कि आप कौन से लोगों का साथ चुनते हैं। अगर आप उन लोगों का साथ चुनेंगे जो जीवन में संघर्ष करना जानते हैं तो बहुत अच्छा है। इस तरह के स्वभाव वाले लोग जीवन में आने वाली हर मुसीबतों का डटकर सामना करते हैं। उनके अंदर कभी भी नकारात्मकता नहीं आती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इनका मनोबल पहाड़ के समान अडिग होता है। जिसे कोई भी कभी भी हिला नहीं सकता। ऐसा व्यक्ति जीवन में संघर्ष करके उस रास्ते को पा ही लेता है जिसे वो पाना चाहता है। 

Chanakya Niti: इस तरह का मनुष्य कभी भी नहीं दे सकता धोखा, आंख बंद करके कर सकते हैं विश्वास

इसके उलट कुछ लोग ऐसे होते हैं जो बिना किसी मुश्किल का सामना किए अपना सिर उसके सामने पहले ही झुका देते हैं। उन्हें इस बात से बिल्कुल मतलब नहीं होता कि ऐसा करके वो अपने साथ गलत कर रहे हैं। उन्हें बस ऐसा लगता है कि वो किसी भी मुश्किल का सामना करने के लायक नहीं है। ऐसे व्यक्तियों में निगेटिव सोच कूट कूटकर भरी होती है। आचार्य चाणक्य ने अपने कथन में इस तरह के लोगों की तुलना गधे से की है जो हालातों के सामने अपना सिर झुका देते हैं। 

 

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