Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र भूलकर भी इस दिशा में न करें ये काम, आ जाएगी पिता-पुत्र के रिश्ते में दरार

भूलकर भी इस दिशा में न करें ये काम, आ जाएगी पिता-पुत्र के रिश्ते में दरार

वास्तु शास्त्र के अनुसार पिता-पुत्र के बीच तनाव का सबसे बड़ा कारण घर के उत्तरी-पूर्वी कोने का दूषित होना है। जानिए कैसे इससे पा सकते है निजात...

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धर्म डेस्क: घर में जाने-अनजाने कुछ ऐसे वास्तु दोष हो जाते हैं, जो कई बार पिता- पुत्र के रिश्ते में अनबन का कारण बनते हैं। इसीलिए आज हम आपको उन वास्तु दोषों से छुटकारा पाने के बारे में बात रहें हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार पिता-पुत्र के बीच तनाव का सबसे बड़ा कारण घर के उत्तरी-पूर्वी कोने का दूषित होना है। इस दिशा में किसी भी प्रकार का वास्तु दोष होने से पिता-पुत्र के बीच झगड़े होते हैं। अतः घर की उत्तर-पूर्व दिशा को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए और इस दिशा में कभी भी कूड़ेदान नहीं रखना चाहिए।

ये भी बढ़ाते है पिता-पुत्र के संबंधों में परेशानी
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आपने अपने घर की उत्तर-पूर्व दिशा में स्टोर रूम या भंडार ग्रह बनवा रखा है तो यह ठीक नहीं है। इस दिशा में भण्डार घर में बनवाने से वो दिशा तो दूषित होती ही है, साथ ही पितापुत्र के संबंधों में परेशानी भी आती है और दोनों के बीच अविश्वास की भावना आती है। स्टोर रूम के अलावा इस दिशा में रसोई घर या शौचालय भी नहीं बनवाना चाहिए। इससे परिवार की सेहत पर विपरित असर पड़ता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक, यानी बिजली से जुड़े सामान या गर्मी उत्पन्न करने वाले उपकरणों को कभी भी उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं रखना चाहिए. इस स्थिति को जितना हो सके, अवॉयड करना चाहिए। अन्यथा ऐसा करने से पिता-पुत्र के रिश्तों में खटास आती है और दोनों एक-दूसरे की बात को ज्यादा तवज्जों नहीं देते। साथ ही बेडरूम में कभी भी कांच या मिरर ऐसी जगह पर न रखें जहां से बेड दिखता हो। इससे घर में निगेटिव एनर्जी फैलती है और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी उत्पन्न होती हैं।

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