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Hanuman Jayanti 2021: अप्रैल माह में इस दिन पड़ रही है हनुमान जयंती, जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि

चैत्र शुक्ल पक्ष की उदया तिथि पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है। जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

Hanuman Jayanti 2021 date time shubh muhurat puja vidhi and mantra :Hanuman Jayanti 2021: चैत्र शुक्- India TV Hindi Image Source : FREEPIK Hanuman Jayanti 2021: अप्रैल माह में इस दिन पड़ रही है हनुमान जयंती, जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि

चैत्र शुक्ल पक्ष की उदया तिथि पूर्णिमा  के दिन हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार यानि श्री हनुमान जी का जन्म हुआ था। वैसे मतांतर से चैत्र पूर्णिमा के अलावा कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भी हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक ग्रन्थों में दोनों का ही जिक्र मिलता है। लेकिन वास्तव में चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती और कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है।  इस बार हनुमान जयंती 27 अप्रैल को मनाई जाएगी। 

कहा जाता है कि इस दिन श्री हनुमान की उपासना व्यक्ति को हर प्रकार के भय से मुक्ति दिलाकर सुरक्षाप्रदान करती है। साथ ही हर प्रकार के सुख-साधनों से फलीभूत करती है। 

हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 26 अप्रैल दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से
पूर्णिमा तिथि का समापन - 27 अप्रैल की रात्रि 9 बजकर 01 मिनट पर 

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हनुमान जयंती की पूजन सामग्री

जयंती के दिन भगवान हनुमान की पूजा विधि-विधान से करना शुभ माना जाता है। इसीलिए पूजा करने से पहले ये सामग्री एकत्र कर लें। जिससे उस समय किसी तरह की विघ्न न पड़े। एक चौकी, एक लाल कपड़ा, हनुमान जी की मूर्ति या फोटो, एक कप अक्षत, घी से भरा दीपक, कुछ ताजे फूल, चंदन या रोली, गंगाजल, कुछ तुलसी की पत्तियां, धूप, नैवेद्य (गुड और भुने चने)

हनुमान जयंती की पूजन विधि

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान करें। इसके बाद हनुमान जी को ध्यान कर हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प करें। साफ-स्वच्छ वस्त्रों में पूर्व दिशा की ओर भगवान हनुमानजी की प्रतिमा को स्थापित करें। विनम्र भाव से बजरंग बली की प्रार्थना करें।

एक चौकी पर अच्छी तरह से लाल कपड़ा बिछा दें। चौकी पर हनुमान जी की मूर्ति या फोटो लगाएं। ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी पूजा भगवान गणेश को सर्वप्रथम नमन किए बिना पूरी नहीं होती है। सबसे पहले एक पुष्प के द्नारा जल अर्पित करे। इसके बाद फूल अर्पित करे। फिर रोली या चंदन लगाए इसके साथ ही अक्षत लगा दें। अब भोग चढ़ाए और जल अर्पित कर दें। इससे बाद दीपक और धूप जला कर आरती करे। इसके साथ ही हनुमान के मंत्रों का जाप, सुंदरकांड और चालीसा का पाठ पढ़े। 

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भगवान हनुमान के इन मंत्रों का करें जाप

हनुमान स्तुति मंत्र
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं। 
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।। 
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं। 
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।

हनुमान स्त्रोत
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं।
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं।
रघुपतिप्रियभक्तं वातात्मजं नमामि।।
यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकांजलिम।
वाष्पवारिपरिपूर्णालोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम्।।

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