A
Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Janmashtami Date and Muhurat: वैष्णव सम्प्रदाय के लोग आज मनाएंगे जन्माष्टमी, ये है शुभ मुहूर्त

Janmashtami Date and Muhurat: वैष्णव सम्प्रदाय के लोग आज मनाएंगे जन्माष्टमी, ये है शुभ मुहूर्त

जन्माष्टमी 2018: हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार काफी खास होता है। यह त्योहार हर साल बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार जन्माष्टमी 2 सितंबर के दिन मनाई जाएगी। जानें शुभ मुहूर्त और महत्व।

Janmashtami - India TV Hindi Janmashtami

Janmashtami 2018: इस बार जन्माष्टमी 2 दिन मनाई जा रही है। 2 सिंतबर को कई जगहों पर धूमधाम से मनाई गई है। वहीं कुछ जगहों पर आज मनाई जाएंगी।  भगवान श्रीकृष्‍ण का जन्‍म भादो माह की कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी को हुआ था। आज जन्माष्टमी वैष्णव सम्प्रदाय के लोग मनाएंगे। जानिए जन्माष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और किस दिन रखें व्रत।

हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी पर उपवास का बेहद खास महत्व है। यह त्योहार हर साल बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह भगवान कृष्ण के जन्म वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। Janmashtami 2018: चाहिए प्यार के साथ तरक्की और सुख-शांति, जन्माष्टमी के दिन करें राशिनुसार ये खास उपाय

कृष्ण जन्माष्टमी 2018 तिथि और मुहूर्त:

कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार 2 सितंबर 2018 को मनाया जाएगा। अष्टमी तिथि का प्रारंभ 2 सितंबर 2018, रविवार को 20:47 बजे से होगा, जिसका समापन 3 सितंबर 2018, सोमवार को  शाम 7:07 बजे होगा। हालांकि वैष्णव कृष्ण जन्माष्टमी 3 सितंबर 2018 को मनाई जाएगी। (भूलकर भी इस दिन तोड़े या न बदले कलावा, होगा अशुभ)

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त:

जन्माष्टमी के दिन निशिता पूजा का समय: रात 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक
मुहूर्त की अवधि: 45 मिनट
3 सितंबर को, पारण का समय: शाम 8 बजकर 5 मिनट के बाद
पारण के दिन अष्टमी तिथि के समाप्त होने का समय: शाम 7 बजकर 7 मिनट
पारण के दिन रोहिणी नक्षत्र के समाप्त होने का समय: रात 8 बजकर 5 मिनट पर

रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 2 सितंबर की रात 8 बजकर 48 मिनट
रोहिणी नक्षत्र समाप्‍त: 3 सितंबर की रात 8 बजकर 5 मिनट

वैष्णव जन्माष्टमी तिथि और शुभ मुहूर्त:

वैष्णव जन्माष्टमी 03 सितंबर 2018 को मनाई जाएगी।

वैष्णव जन्माष्टमी के लिये अगले दिन का पारण समय: 4 सितंबर को सुबह 06:04 (सूर्योदय के बाद)
पारण के दिन अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएंगे।
दही हांडी का कार्यक्रम: 3 सितंबर को मनाया जाएगा।

जन्माष्टमी का महत्व

भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जो त्योहार मनाया जाता है, उसे कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से जानते हैं। अष्टमी के दिन कृष्ण का जन्म हुआ था, इसलिए इसे कृष्ण जन्माष्टमी कहा जाता है। पौराणिक कहानियों के अनुसार श्री कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि को हुआ था। इसलिए भाद्रपद मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी को यदि रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग हो तो वह और भी शुभ माना जाता है। (रक्षाबंधन 2018: इस दिन बहन भाई को बांधे राशिनुसार इस रंग की राखी, मिलेगा दुर्भाग्य से मुक्ति )

ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्री कृष्ण की पूजा करने से सभी दुखों व शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में सुख, शांति व प्रेम आता है। इस दिन अगर श्री कृष्ण प्रसन्न हो जाएं तो संतान संबंधित सभी विपदाएं दूर हो जाती हैं। श्री कृष्ण जातकों के सभी कष्टों को हर लेते हैं।

Latest Lifestyle News