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नृसिंह चतुर्दशी 9 को: शत्रुओं पर पानी है विजय, तो ऐसे करें पूजा

शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन भगवान की पूजा सच्चे मन से करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और प्रभु सभी कष्ट हर लेते है। अगर आप अपने शत्रुओं से बहुत परेशान है और उनपर विजय प्राप्त करना चाहते है, तो इस दिन भगवना नृसिंह की इस विधि से करें पूजा।

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धर्म डेस्क: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नृसिंह चतुर्दशी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी तिथि को भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर दैत्यों के राजा हिरण्यकशिपु का वध किया था। इस बार यह पर्व 9 मई, मंगलवार को है। 

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शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन भगवान की पूजा सच्चे मन से करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और प्रभु सभी कष्ट हर लेते है। अगर आप अपने शत्रुओं से बहुत परेशान है और उनपर विजय प्राप्त करना चाहते है, तो इस दिन भगवना नृसिंह की इस विधि से करें पूजा। मिलेगा लाभ।

व्रत व पूजा विधि
इस दिन ब्रहम् मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें और व्रत के लिए संकल्प लें। इसके बाद दोपहर में नदी, तालाब या घर पर ही वैदिक मंत्रों के साथ मिट्टी, गोबर, आंवले का फल और तिल लेकर उनसे सब पापों की शांति के लिए विधिपूर्वक स्नान करें। इसके बाद साफ कपड़े पहनकर संध्या तर्पण करें। अब पूजा स्थल को गाय के गोबर से लीप कर उस पर अष्ट दल (आठ पंखुड़ियों वाला) कमल बनाएं।

कमल के ऊपर पंचरत्न सहित तांबे का कलश स्थापित करें। कलश के ऊपर चावलों से भरा हुआ बर्तन रखें और बर्तन में अपनी इच्छा के अनुसार सोने की लक्ष्मी सहित भगवान नृसिंह की प्रतिमा रखें। इसके बाद दोनों मूर्तियों को पंचामृत से स्नान करवाएं। योग्य विद्वान ब्राह्मण (आचार्य) को बुलाकर उनके हाथों फूल व षोडशोपचार सामग्रियों से विधिपूर्वक भगवान नृसिंह का पूजन करवाएं।

भगवान नृसिंह को चंदन, कपूर, रोली व तुलसीदल भेंट करें तथा धूपदीप दिखाएं। इसके बाद घंटी बजाकर आरती उतारें और नीचे लिखे मंत्र के साथ भोग लगाएं-

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