A
Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Navratri 2018: चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की ऐसे करें पूजा, होगी हर मनोकामना पूर्ण

Navratri 2018: चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की ऐसे करें पूजा, होगी हर मनोकामना पूर्ण

चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा करने का विधान है। देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। मां ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से सर्वसिद्धि प्राप्त होती है।

navratri 2018- India TV Hindi navratri 2018

धर्म डेस्क: चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा करने का विधान है।  देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। मां ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से सर्वसिद्धि प्राप्त होती है। 

हाथ में ये चीज है सुशोभित
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ में अक्ष माला और बाएं हाथ में कमण्डल है। 

इस कारण पड़ा ये नाम
शास्त्रों के अनुसार मां दुर्गा ने पार्वती के रूप में पर्वतराज के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया और नारद के कहने पर पार्वती ने शिव को पति मानकर अनको पानें के लिए कठोर तपस्या की। हजारों सालों तक तपस्या करने के बाद इनका नाम तपश्चारिणी या ब्रह्मचारिणी पड़ा। नवरात्र के दूसरें दिन को इसी तप को प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।

इस देवी की कथा का सार यह है कि जीवन के कठिन संघर्षों में भी मन विचलित नहीं होना चाहिए। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करके आप अपने जीवन में धन-समृद्धि, खुशहाली ला सकतेहै। जानिए  मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप की पूजा कैसे करनी चाहिए।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि
शास्त्रों के अनुसार सबसे पहले जिन देवी-देवताओ एवं गणों व योगिनियों को आपने कलश में आमंत्रित किया है। उन्हें दूध, दही, घृत और शहद से स्नान कराएं। इसके बाद इन पर फूल, अक्षत, रोली, चंदन और भोग लगाएं। इसके बाद आचमन करें फिर पान, सुपारी  और कुछ दक्षिणा रखकर चढ़ाएं। इसके बाद अपने हाथों में एक फूल लेकर प्रार्थना करते हुए इस मंत्र का उच्चारण करें।

“दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू, देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा”

पूरी खबर के लिए अगली स्लाइड पर क्लिक करें

Latest Lifestyle News