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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र शुरु हो चुके है पंचक, संपत्ति से जुड़े मामलों के लिए अच्छा लेकिन इन कामों न भूलकर भी न करें

शुरु हो चुके है पंचक, संपत्ति से जुड़े मामलों के लिए अच्छा लेकिन इन कामों न भूलकर भी न करें

ज्योतिषों के अनुसार धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं। इस बार 4 मार्च, सोमवार की रात लगभग 01.54 बजे से पंचक शुरू होगा, जो 9 मार्च, शनिवार की रात लगभग 11.48 बजे तक रहेगा।

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पंचक, मार्च 2019: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम को करने से पहले शुभ मुहूर्त जरुर देखा जाता है। जिससे कि किया गया का फल शुभ हो। वैसे ही हर माह भारतीय ज्योतिष के अनुसार पंचक आते है। जिसमें कई शुभ काम करने की मनाही होती है। आपको बता दें कि 4 फरवरी से पंचक शुरु हो गए है। ज्योतिषों के अनुसार धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं। इस बार 4 मार्च, सोमवार की रात लगभग 01.54 बजे से पंचक शुरू होगा, जो 9 मार्च, शनिवार की रात लगभग 11.48 बजे तक रहेगा। इस बार राज पंचक है। जो कि संपत्ति से जुड़े मामलो के लिए अच्छा माना जाता है।

पंचक के प्रकार

रोग पंचक
यह पंचक पांच दिनों के लिए शारीरिक और मानसिक कष्ट देने वाला होता है। इस पंचक में यज्ञोपवीत भी नही किया जाता है। हर शुभ काम की मना ही होती है। यह पंचक रविवार से शुरू होता है। (7 मार्च को राहु और केतु एक साथ कर रहे है राशिपरिवर्तन, इन राशियों के जातक रहें संभलकर)

नृप पंचक
यह पंचक सोमवार से शुरु होता है। इसमें भी कोई भी नई नौकरी ज्वाइन नही करना चाहिए। अशुभ माना जाता है। इस दिनों में सरकारी नौकरी के लिए शुभ माना गया है। अगर आपकी सरकारी नौकरी है तो आपको फायदा हो सकता है।

चोर पंचक
शुक्रवार को शुरू होने वालें पचंक को चोर पंचक कहते है। इस दिन यात्रा करने की मनाही होती है। साथ ही इस दिनों में व्यापार लेन देन की भी मनाही होती है। अगर इस दिन मनाही वाले काम करते है तो आपको धन की हानि होती है। (5 मार्च को सूर्य कर रहा है इस पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश, इस नाम के लोगों पर आएगा सबसे ज्यादा संकट)

मृत्यु पंचक
शनिवार को शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहते है। इस पंचक में शादी जैसे शुभ काम करने की मनाही होती है। इस पंचक में कोई भी ऐसे काम नही करना चाहिए जोखिम भरे हो। ऐसा करने से जान माल का नुकसान हो सकता है।

अग्नि पंचक
मंगलवार को शुरू होने वाले पंचक को अग्नि पंचक कहते है। इस पंचक में घर का निर्माण या फिर ग्रह प्रवेश की मनाही होती है। लेकिन इस पंचक में कोर्च से संबंधिक कोई विवाद हो तो उसे किया जा सकता है। इल पंचक में आग का डर रहता है।

पंचक में न करें ये काम

  • पंचक में यदि किसी की मृत्यु हो गई है तो उसके अंतिम संस्कार ठीक ढंग से न किया गया तो पंचक दोष लग सकते है। इसके बारें में विस्तार से गरुड पुराण में बताया गया है जिसके अनुसार अगर अंतिम संस्कार करना है तो किसी विद्वान पंडित से सलाह लेनी चाहिए और साथ में जब अंतिम संस्कार कर रहे हो तो शव के साथ आटे या कुश के बनाए हुए पांच पुतले बना कर अर्थी के साथ रखें। और इसके बाद शव की तरह ही इन पुतलों का भी अंतिम संस्कार विधि-विधान से करें।   
  • हिंदू धर्म में माना जाता है कि पंचक के दिनों में चारपाई बनवाना अच्छा नहीं होता है। अगर आपने इन दिनों में चारपाई बनवाया तो आपके ऊपर बहुत बड़ा संकट आ सकता है।
  • राजमार्त्तण्ड ग्रंथ में माना गया है कि जब पंचक शुरू हो जब तक यह रहे तब तक किसी यात्रा में नही जाना चाहिए। अगर आप कही जा भी रहे है तो दक्षिण दिशा की ओर तो बिल्कुल भी न जाएं, क्योंकि दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है। जिसके कारण आपका यात्रा करना दुर्घटना या कोई विपत्ति ला सकता है।
  • माना जाता है कि जब अग्नि पंचक में जिस समय घनिष्ठा नक्षत्र हो उस समय घर या कही पर लकड़ी, घास या फिर जलाने वाली वस्तुएं नही एकत्र करनी चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आग लगने का भय रहता है। माना जाता है कि अग्नि पंचक वाला दिन आग का होता है।
  • ज्योतिषों के अनुसार माना जाता है कि जब पंचक में रेवती नक्षत्र चल रहा हो तब कोई शुभ काम जैसे कि घर का निर्माण या फिर ग्रह प्रवेश नही करना चाहिए। अगर आपने ऐसा किया तो आपके घर में ग्रह क्लेश या फिर धन की हानि होगी।

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