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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र करवा चौथ के दिन छलनी में से चांद और पति का चेहरा देखती है पत्नी, जानिए क्या है वजह

करवा चौथ के दिन छलनी में से चांद और पति का चेहरा देखती है पत्नी, जानिए क्या है वजह

Karva Chauth: कल यानि 27 अक्टूबर( 27 October) को करवा चौथ 2018(Karva Chauth 2018) पूरे भारत में खासकर नॉर्थ इंडिया में मनाया जाएगा।

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नई दिल्ली: Saturday, 27 October, करवा चौथ( Karva Chauth):  कल यानि 27 अक्टूबर( 27 October) को करवा चौथ 2018(Karva Chauth 2018) पूरे भारत में खासकर नॉर्थ इंडिया में करवा चौथ काफी धूमधाम से मनाया जाता है। यह हर पति-पत्नी के खास और रोमांटिक त्योहार माना जाता है। खासकर औरतें करवा चौथ के दिन पूरे दिन उपवास रखकर रात को छलनी से चांद और पति का चेहरा देखकर अपना उपवास खोलती हैं। आपको पता है यह व्रत पति के लंबी उम्र के लिए कि पत्नी करती हैं। करवा चौथ के दिन पत्नी अपने पति के लिए अच्छे कपड़े, गहने, मेहंदी लगाकर अच्छे से सजने के बाद रात के वक्त चांद को देखकर अपना व्रत खोलती हैं।

करवा चौथ (Karwa Chauth) के व्रत में छलनी का बेहद महत्व है। इस दिन पूजा की थाली में महिलाएं सभी सामानों के साथ-साथ छलनी भी रखती है। करवा चौथ की रात महिलाएं अपना व्रत पति को इसी छलनी में से देखकर पूरा करती हैं। शादी-शुदा महिलाएं इस छलनी में पहले दीपक रख चांद को देखती हैं और फिर अपने पति को निहारती हैं। इसके बाद पति उन्हें पानी पिलाकर व्रत पूरा करवाते हैं। लेकिन कभी सोचा है पति और चांद दोनों को छलनी से ही क्यों देखा जाता है? इसके पीछे की आखिर वजह क्या है?

करवा चौथ (Karva Chauth) के दिन महिलाएं चांद और पति को इसीलिए देखती हैं छलनी से :
हिंदू मान्यताओं के मुताबिक चंद्रमा को भगवान ब्रह्मा का रूप माना जाता है और चांद को लंबी आयु का वरदान मिला हुआ है। चांद में सुंदरता, शीतलता, प्रेम, प्रसिद्धि और लंबी आयु जैसे गुण पाए जाते हैं। इसीलिए सभी महिलाएं चांद को देखकर ये कामना करती हैं कि ये सभी गुण उनके पति में आ जाएं।

वहीं, छलनी को लेकर एक और पौराणिक कथा के मुताबिक एक साहूकार के सात लड़के और एक बेटी थे। बेटी ने अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। रात के समय जब सभी भाई भोजन करने लगे तो उन्होंने अपनी बहन को भी खाने के लिए आंमत्रित किया। लेकिन बहन ने कहा - "भाई! अभी चांद नहीं निकला है, उसके निकलने पर अर्घ्‍य देकर भोजन करूंगी।" बहन की इस बात को सुन भाइयों ने बहन को खाना खिलाने की योजना बनाई। 

भाइयों दूर कहीं एक दिया रखा और बहन के पास छलनी ले जाकर उसे प्रकाश दिखाते हुए कहा कि - बहन! चांद निकल आया है। अर्घ्‍य देकर भोजन कर लो। इस प्रकार छल से उसका व्रत भंग हुआ और पति बहुत बीमार हुआ।

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