A
Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Chanakya Niti: इन चीजों को करने में व्यक्ति को कभी नहीं शर्माना चाहिए, वरना हो सकता है आपका नुकसान

Chanakya Niti: इन चीजों को करने में व्यक्ति को कभी नहीं शर्माना चाहिए, वरना हो सकता है आपका नुकसान

आचार्य चाणक्य ने अपने नीतियों में इंसानों से जुड़े हर एक पहलू के बारे में बताया है।

Chanakya Niti- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Chanakya Niti

आचार्य चाणक्य एक विद्वान व्यक्ति थे। चाणक्य जी अपने नीतियों में इंसानों से जुड़े हर एक पहलू के बारे में बताया है। साथ ही उन्होंने सुखी जीवन जीने के भी कई चीजें बताई हैं, जिसे अपनाकर व्यक्ति खुशहाल जीवन जी सकता है। आज हम आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का विचार है सुखी जीवन जीने के बारे में है।  

श्लोक

  • धन धान्य प्रयोगेषु विद्या संग्रहेषु च।
  • आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्जः सुखी भवेत्॥

आचार्य चाणक्य के इस कथन के अनुसार धन-अनाज के लेन-देन, विद्या प्राप्त करते समय, भोजन तथा आपसी व्यवहार में संकोच नहीं करना चाहिए तभी आप सुखी जीवन जी सकते हैं। दरअसल, इस कथन के अनुसार आचार्य चाणक्य जी ने बताया है कि व्यक्ति को किन चीजों में कभी भी संकोच नहीं करना चाहिए। यदि वो ऐसा करता है तो वह जीवन में कभी भी खुश नहीं रह सकता है।

Ram Navami 2022: राम नवमी के दिन घर में यूं स्थापित करें राम यंत्र, होगा लाभ ही लाभ

धन और अनाज

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान को पैसे और अनाज को लेकर संकोच करने से बचना चाहिए। यानी यदि आपने किसी को उधार के तौर पर पैसे दिए तो उससे बिना संकोच किए मांग लें।  ठीक इसी तरह अनाज भी है। अगर आपके पास अनाज नहीं है तो जरूर मांग लें या फिर किसी दूसरे के पास नहीं है तो उसकी जरूर मदद करें। 

विद्या

आचार्य चाणक्य के अनुसार विद्या एक ऐसी चीज है जिसे आप जितना प्राप्त करेंगे उतना ही आपके जीवन के लिए अच्छा होगा। ऐसे में यदि आप विद्या ग्रहण करने में संकोच करेंगे तो कभी भी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। इसलिए जरूरी है कि किसी ज्ञान को लेते समय संकोच को किनारा रख देना चाहिए।

भोजन 

चाणक्य जी के अनुसार इंसान को खाना खाते समय या फिर किसी दूसरे को खाना खिलाते समय कभी भी संकोच नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप ठीक से भोजन नहीं करेंगे तो कभी भी किसी काम को सही तरीके से नहीं कर पाएंगे लिहाजा आपके सेहत पर भी बुरा असर पड़ेगा।

आपसी व्यवहार 

चाणक्य नीति कहती है कि जिस इंसान का जैसा व्यवहार होता है लोग उसे उसी तरह से जानते और समझते हैं। ऐसे में यदि आप चाहते हैं कि समाज में आपका मान-सम्मान बरकरार रहें तो इसके लिए हमेशा मधुर वाणी का इस्तेमाल करें साथ ही बड़ों का आदर करें क्योंकि दूसरों के साथ जैसा व्यवहार आप करेंगे वैसे ही दूसरे लोग आपके साथ करेंगे।

Ram Navami 2022: राम नवमी के दिन रामचरितमानस की इन चौपाइयों का करें पाठ, पूरी होगी मनोकामनाएं

 

 

Latest Lifestyle News