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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Chanakya Niti: ऐसे लोगों पर नहीं होता किसी बात का असर, जीवनभर रहते हैं दुखी

Chanakya Niti: ऐसे लोगों पर नहीं होता किसी बात का असर, जीवनभर रहते हैं दुखी

अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं तो चाणक्य के इन सुविचारों को अपने जीवन में जरूर उतारिए।

chanakya niti - India TV Hindi Image Source : INDIA TV चाणक्य नीति 

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार ऐसे लोगों पर आधारित है जिन्हें किसी बात से कोई फर्क नहीं पड़ता।

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अन्तः सारविहीनानामुपदेशो न जायते। 
मलयाऽचलस्सर्गात् न वेणुश्चन्दनायते॥

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो इंसान अंदर से खोखला होता है उसे किसी भी तरह का उपदेश देना व्यर्थ होता है। ऐसे लोग जीवन भर खुद के द्वारा उत्पन्न की गई परिस्थितियों से ही दुखी रहते हैं। अगर व्यक्ति में भीतरी योग्यता नहीं है और उसका हृदय साफ नहीं है तो उसे किसी भी तरह का उपदेश देना बेकार है। क्योंकि उस पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा, शास्त्रं तस्य करोति किं। 
लोचनाभ्याम विहीनस्य, दर्पण: किं करिष्यति।।

इस श्लोक के माध्यम से चाणक्य ये समझाना चाहते हैं कि आंखों से रहित व्यक्ति को दर्पण का कोई लाभ नहीं हो सकता है। इसका सीधा मतलब ये है कि सिर्फ बाहरी साधनों से कोई ज्ञानी नहीं बन सकता है। व्यक्ति के भीतर जो संस्कार होते हैं वहीं बाहरी साधनों को उभारते और निखारते हैं। 

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