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कुंडली में इन दो ग्रहों के योग से बनता है गजकेसरी योग, ऐसे जातक हमेशा रहते हैं मालामाल

कुंडली में गजकेसरी योग बनने पर जातक के पास धन ही धन होता है। ऐसे लोग जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं।

gajkesari yog- India TV Hindi Image Source : TWITTER/@NUTANPRABHAT gajkesari yog

कुछ लोग किस्मत के बहुत धनी कहलाते हैं क्योंकि उनके पास खूब धन और ऐश्वर्य होता है। ज्योतिष कहता है कि धनवान बनने के लिए भी कुंडली में कई योग जिम्मेदार हो सकते हैं। ऐसा ही एक योग है जिसे गजकेसरी योग कहा जाता है।

ज्योतिष कहता है कि जातक की कुंडली में गजकेसरी योग तब बनता है, जब गुरू और चंद्रमा की युति होती है। यानी कुंडली में मौजूद बृहस्पति ग्रह और चंद्रमा आपस में योग बनाते हैं तो गजकेसरी योग का निर्माण होता है। इससे जातक धनवान और प्रतिष्ठा और ऐश्वर्या का मालिक बनता है। गजकेसरी योग को बहुत ही शुभ योग माना जाता है जो जातक को हर तरह से सुखी और संपन्न बनाता है।

कहा जाता है कि जिसकी कुंडली में गजकेसरी योग बनता है उसे जिंदगी में किसी चीज का अभाव नहीं रहता। वो हमेशा सौभाग्यशाली बनता है। ऐसे भी कई लोग हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर घर में पैदा होने के बावजूद आगे जाकर धनवान और संपन्न हो जाते हैं। गजकेसरी योग इसी किस्मत के धनी लोगों की कुंडली में बनता है।

इसका नाम गजकेसरी कैसे है, इसमें गज का अर्थ हाथी व केसरी का अर्थ सोने (GOLD) या सिंह से लगाया जाता है। इस योग के कुंडली में बनने से जातक को जीवन में ऊंचाइयां मिलती है। ऊंची सरकारी नौकरी मिलती है, राजनेता बनने के योग बनते हैं और भूमि भवन के लाभ के साथ साथ बिजनेस करियर में खूब तरक्की मिलती है।

1. कुंडली के पहले भाव में गजकेसरी योग बने तो जातक कोई नेता या अभिनेता होता है। ऐसे लोग आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं। 

2. कुंडली के दूसरे भाव में गजकेसरी योग बन रहा हो तो जातक उच्च घराने में पैदा होता है और वाणी का धनी होता है।ऐसे लोगों के घर में पैसे रुपए की कमी नहीं रहती। ऐसे लोग कथावाचक या मोटिवेटर बनते हैं। 

3. कुंडली के तीसरे भाव में गजकेसरी योग बन रहा हो तो जातक के भाई बहन को भी बड़ा पद मिलता है। ऐसे लोग  बहुत  ताकतवर,  पराक्रमी और समाज में मान-सम्मान पाते हैं।

4. कुंडली के चौथे भाव में गजकेसरी योग बन रहा हो तो जातक मां का प्यारा होता है, उसे मां का प्यार मिलता है और धन संपदा के साथ साथ भूमि भवन और वाहन का लाभ मिलता है।

5. कुंडली के पांचवे भाव में गजकेसरी योग बन रहा हो तो ऐसे लोग बुद्धि के बल पर धन कमाने में सबसे आगे रहते हैं। ऐसे लोग अपने दिमाग के बल पर शिक्षक, वैज्ञानिक, न्यायाधीश, लेखक बनते हैं। 

6. कुंडली के छठे भाव में गजकेसरी योग बन रहा हो तो ये योग कुछ कमजोर पड़ जाता है। छठे भाव में गुरु शत्रुहंता होता है। ऐसे लोगों से हालांकि शत्रु दब कर रहते हैं, पराक्रम साथ देता है।

7. कुंडली के सातवें भाव में गजकेसरी योग बन रहा हो तो अच्छे घराने का बेहतर और समझने वाला जीवनसाथी मिलता है और वो उच्च पद पर आसीन होता है।

8. कुंडली के आठवें भाग में गजकेसरी योग बन रहा हो तो हालांकि कुछ कमजोर होता है लेकिन जातक को हमेशा गुप्त धन का लाभ होता है। जहां मिलने की उम्मीद नहीं वहां से भी धन मिल जाता है। 

9. कुंडली के नौवें भाग में गजकेसरी योग बन रहा हो तो जातक भाग्यवादी होता है। उसे कर्म से ज्यादा यानी मेहनत से भी ज्यादा फल भाग्य की बदौलत मिल जाता है। ऐसे लोग बहुत भाग्यशाली होते हैं और उनके पास हमेशा धन रहता है।

10. कुंडली के दसवें भाग में गजकेसरी योग बन रहा हो तो जातक के पिता और मायके वाले ऊंचे पद आसीन होते हैं। ऐसे लोग भाग्य में ज्यादा विश्वास करते हैं समाज में मान सम्मान पाते हैं।

11. कुंडली के ग्यारहवें भाव में गजकेसरी योग बन रहा हो तो लोग एक से ज्यादा स्रोत से पैसा कमाते हैं। ऐसे लोगों को भूमि, बिजनेस और नौकरी कई तरफ से कमाई होती है। कम मेहनत मे ज्यादा पैसा का संकेत होता है। ऐसा जातक घर बैठे बैठे भी अच्छी कमाई कर लेता है। 

12.  कुंडली के बारहवें भाव में गजकेसरी योग बन रहा हो तो यहां कुछ ज्यादा प्रभाव नहीं बना पाता। हालांकि जातक के पास पैसा रहता है और वो घर से रहने वाला और धर्म आध्यात्म पर रुपया व्यय करने वालों की श्रेणी में आता है। ऐसे लोग परिवार से दूर रहकर अच्छी सफलता हासिल करते हैं।

डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।

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