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Hindi News पैसा बजट 2022 Budget 2019: अटकी पड़ी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 10,000 करोड़ रुपए का प्रावधान करने की मांग

Budget 2019: अटकी पड़ी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 10,000 करोड़ रुपए का प्रावधान करने की मांग

वित्त मंत्री को भेजे सुझाव में कहा है कि आप जानते हैं कि पांच लाख से अधिक घर खरीदारों की जीवन भर कमाई विभिन्न रीयल एस्टेट परियोजनाओं में फंसी हुई है।

Home buyers body want Rs 10,000-cr 'stress fund' in budget- India TV Paisa Image Source : HOME BUYERS Home buyers body want Rs 10,000-cr 'stress fund' in budget

नई दिल्ली। सरकार को आगामी आम बजट में देशभर में अटकी पड़ी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए दस हजार करोड़ रुपए का एक अलग कोष बनाना चाहिए ताकि ऐसी परियोजनाओं में संपत्ति बुक कराने वाले पांच लाख से अधिक लोगों को राहत पहुंचाई जा सके। घर खरीदारों के संगठन एफपीएसई ने यह मांग की है। 

वित्त मंत्री को बजट के लिए दिए गए सुझाव में फोरम फॉर पीपुल्स कलेक्टिव एफर्ट (एफपीएसई) ने कहा है कि घर खरीदारों को प्राथमिक सुरक्षित कर्जदाता माना जाना चाहिए। एफपीएसई को इससे पहले रेरा कानून बनाने के लिए संघर्ष करने वाले मंच के तौर पर जाना जाता रहा है। 

एफपीएसई के अध्यक्ष अभय उपाध्याय ने वित्त मंत्री को भेजे सुझाव में कहा है कि आप जानते हैं कि पांच लाख से अधिक घर खरीदारों की जीवन भर कमाई विभिन्न रीयल एस्टेट परियोजनाओं में फंसी हुई है। इन परियोजनाओं में बिल्डरों ने प्राप्त धन को अन्यत्र इस्तेमाल किया जिसकी वजह से अनिश्चितकालीन देरी हो रही है।  

उन्होंने कहा कि बजट में यदि इस तरह की आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अलग कोष रखा जाता है तो घर खरीदारों को सुकून और काफी राहत पहुंचेगी। वित्त मंत्री के नाम ज्ञापन में कहा गया है कि रीयल्टी क्षेत्र के लिए रेरा कानून बनने के बावजूद कई परियोजनाओं पर काम देरी से चल रहा है और यह समय पर पूरी नहीं हो रही हैं। अब समय आ गया है जब सरकार को देश भर में ऐसी लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बजट में दस हजार करोड़ रुपए का एक अलग कोष बनाने की आवश्यकता है। 

इस कोष को बनाने का मकसद अगले पांच साल के दौरान देशभर में अटकी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करना होना चाहिए। एफपीसीई ने कहा है कि सरकार के इस कदम से रीयल एस्टेट क्षेत्र में स्थिति साफ होगी, विकास कार्य तेज होंगे, क्षेत्र में लोगों का विश्वास बढ़ेगा और रेरा के मजबूती के साथ क्रियान्वयन से आगे इस तरह परियेाजनाओं के लंबित होने की गुंजाइश नहीं होगी। मंच का कहना है कि परियोजनाओं में देरी रीयल एस्टेट क्षेत्र की वृद्धि के आड़े आने वाली सबसे बड़ी समस्या है। 

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