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Hindi News पैसा बिज़नेस FY16 में 32 कंपनियों ने किया 7,100 करोड़ की रॉयल्टी भुगतान, 400 कंपनियों ने दो साल में CSR पर खर्च किए 5,857 करोड़

FY16 में 32 कंपनियों ने किया 7,100 करोड़ की रॉयल्टी भुगतान, 400 कंपनियों ने दो साल में CSR पर खर्च किए 5,857 करोड़

बंबई शेयर बाजार में सूचीबद्ध 32 बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने 2015-16 में अपनी मूल वैश्विक कंपनियों को 7,100 करोड़ रुपए की रॉयल्टी भुगतान किया है।

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नई दिल्ली। बंबई शेयर बाजार में सूचीबद्ध 32 बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने 2015-16 में अपनी मूल वैश्विक कंपनियों को 7,100 करोड़ रुपए की रॉयल्टी का भुगतान किया। इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में यह 13 प्रतिशत अधिक है।

प्रॉक्सी सलाहकार कंपनी आईआईएएस ने कहा है कि यह राशि 32 कंपनियों के रॉयल्टी से पहले कर पूर्व लाभ के 21 प्रतिशत के बराबर बैठती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस रुख के उलट रॉयल्टी से पहले कर पूर्व लाभ में सालाना आधार पर 9.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि शुद्ध बिक्री 8.7 प्रतिशत बढ़ी।

वित्त वर्ष 2015-16 में बीएसई 500 की 32 बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने 7,100 करोड़ रुपए की रॉयल्टी का भुगतान किया। 2014-15 में यह राशि 6,300 करोड़ रुपए थी। कुल पांच कंपनियों मारुति सुजुकी इंडिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एबीबी लिमिटेड, नेस्ले इंडिया और बॉश ने 2015-16 में 5,540 करोड़ रुपए की रॉयल्टी का भुगतान किया, जो 32 बहुराष्ट्रीय कंपनियों के रॉयल्टी भुगतान का 78 प्रतिशत बैठता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉयल्टी भुगतान में बढ़ोतरी आमदनी और मुनाफे में हो रही बढ़ोतरी के अनुरूप है।

400 कंपनियों ने दो साल में सीएसआर पर खर्च किए 5,857 करोड़ रुपए  

सरकार ने कहा कि करीब 400 कंपनियों ने मिलकर दो वर्ष में कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) गतिविधियों में करीब 5,857 करोड़ रुपए खर्च किए। कंपनी कानून, 2013 के तहत मुनाफे में चलने वाली कंपनियों की एक निश्चित श्रेणी को किसी एक वित्त वर्ष में सीएसआर गतिविधियों के लिए अपने तीन वर्षों के औसत शुद्ध मुनाफे के कम से कम दो प्रतिशत भाग को खर्च करने की आवश्यकता होती है। यह मानदंड एक अप्रैल 2014 से प्रभावी हुआ है।

कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा को बताया कि 172 कंपनियों के सीएसआर खर्चों के एक आकलन से संकेत मिलता है कि ऐसी गतिविधियों के लिए निर्धारित 2,660 करोड़ रुपए के मुकाबले इन कंपनियों ने वर्ष 2015-16 में 3,360 करोड़ रुपए खर्च किए। वर्ष 2014-15 में 226 कंपनियों ने 3,499 करोड़ रुपए की निर्धारित राशि के मुकाबले 2,497 करोड़ रुपए खर्च किए।

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