A
Hindi News पैसा बिज़नेस JRD TATA की पहली उड़ान की 89वीं वर्षगांठ पर आया टाटा का बयान, जानें कंपनी ने क्या कहा

JRD TATA की पहली उड़ान की 89वीं वर्षगांठ पर आया टाटा का बयान, जानें कंपनी ने क्या कहा

1932 की एक रोमांचक सुबह थी। सफेद पतलून और आधी बाजू की कमीज पहने जेआरडी टाटा के हाथ में केवल धूप का रंगीन चश्मा और एक पैमाना(स्लाइड रूल) था।

JRD TATA की पहली उड़ान की 89वीं वर्षगांठ पर आया टाटा का बयान, जानें कंपनी ने क्या कहा- India TV Paisa Image Source : PTI JRD TATA की पहली उड़ान की 89वीं वर्षगांठ पर आया टाटा का बयान, जानें कंपनी ने क्या कहा

नई दिल्ली: 1932 की एक रोमांचक सुबह थी। सफेद पतलून और आधी बाजू की कमीज पहने जेआरडी टाटा के हाथ में केवल धूप का रंगीन चश्मा और एक पैमाना(स्लाइड रूल) था। ठीक समय पर उन्होंने कराची से बांबे जाने वाले सिंगल इंजन के ‘पस मोथ’ विमान में उड़ान भरी । विमान में 25 किलोग्राम हवाई डाक थी और साथ ही उसके पंखों पर एक नया इतिहास लिखा जा रहा था। 

भारत की पहली वाणिज्यिक उड़ान की 89वीं वर्षगांठ के अवसर पर शुक्रवार को टाटा समूह ने कहा कि जेआरडी टाटा की पहली उड़ान साहस की भावना से भरी थी। महज 28 वर्ष की उम्र में टाटा ने करीब 90 साल पहले जुहू में आज ही के दिन उतरकर अविभाजित भारत के विमानन क्षेत्र में इतिहास लिख दिया था । यह घटना बाद में वर्ष 1946 में प्रतिष्ठित 'एयर इंडिया' की आधारशिला साबित होने वाली थी। 

करीब सप्ताह भर पहले ही एयर इंडिया को वापस अपने नियंत्रण में लेने की ओर कदम बढ़ाने वाले 150 साल से अधिक पुराने टाटा समूह ने शुक्रवार को पहली वाणिज्यिक उड़ान की 89वीं वर्षगांठ के तौर पर मनाया। एयर इंडिया के वास्तविक मालिक टाटा अपने कर्मचारियों और देश-दुनिया के लोगों को प्रेरित करने के लिए अपनी विरासत और अपने नेतृत्वकर्ताओं के बारे में विस्तार से जानकारी देने और उत्सव मनाने के लिए भी पहचाने जाते हैं। 

समूह के लिए जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा (जे आर डी टाटा) की कहानी भी प्रेरणास्त्रोत है और उसका समूह के लिए विशेष स्थान है। पुरानी तस्वीरों के साथ जेआरडी टाटा के उन खास पलों की याद दिलाने वाले कंपनी के अभिलेखागार ''विंग्स फोर ए नेशन'' में विस्तार से यादगार पलों का जिक्र है। जे आर डी टाटा ने कहा था,'' 1932 की एक उत्साहभरी सुबह मैंने एक पुस मोथ के साथ कराची से बांबे के लिए पहली उड़ान भरी जोकि एक उद्घाटन उड़ान थी जिसके साथ हमारी पहली बहुमूल्य हवाईडाक भी थी। जब हम अपनी मंजिल की तरफ बढ़े, मैंने अपने उद्यम की सफलता और इसके लिए काम करने वालों की सुरक्षा के लिए मौन प्रार्थना की।'' 

कंपनी के अभिलेखागार के मुताबिक, समूह ने 1932 में टाटा विमानन सेवा शुरू करने के लिए दो लाख रुपये निवेश किए थे। 1953 में जब तत्कालीन जवाहरलाल नेहरू सरकार ने एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया तो जेआरडी ने इस कदम का पुरजोर विरोध किया था। 

Latest Business News