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आज ट्रेड यूनियनों की हड़ताल, बैंक सेवाएं हो सकतीं हैं प्रभावित

ट्रेड यूनियनों की बुधवार को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान बैंक सेवायें प्रभावित हो सकतीं हैं। देश की दस केन्द्रीय मजदूर यूनियनों ने आठ जनवरी को हड़ताल का आह्वान किया है।

<p><strong style="color: #000000; font-family: Arial,...- India TV Paisa Image Source : Banking, transport services may be hit due to trade unions' strike on Jan 8

नयी दिल्ली: ट्रेड यूनियनों की बुधवार को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान बैंक सेवायें प्रभावित हो सकतीं हैं। देश की दस केन्द्रीय मजदूर यूनियनों ने आठ जनवरी को हड़ताल का आह्वान किया है। ज्यादातर बैंकों ने इस हड़ताल और इससे उनकी सेवाओं पर पड़ने वाले असर के बारे में शेयर बाजारों को सूचित कर दिया है। बैंक कर्मचारियों की ज्यादातर यूनियनों ने भी हड़ताल में भाग लेने और उसका समर्थन करने की अपनी इच्छा जाहिर कर दी है।

बैंक कर्मचारियों की अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए), भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघों और बैंक कर्मचारी सेना महासंघ सहित विभिन्न यूनियनों ने हड़ताल का समर्थन करने का फैसला किया है। बैंकों में राशि जमा करने, निकासी करने, चेक क्लियरिंग और विभिन्न वित्तीय साधनों को जारी करने का काम हड़ताल की वजह से प्रभावित हो सकता है। हालांकि, निजी क्षेत्र के बैंकों में सेवाओं पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है। 

सरकार की ‘‘जन- विरोधी’’ नीतियों के खिलाफ की जा रही इस हड़ताल में देशभर में 25 करोड़ लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिन्द मजदूर सभा (एचएमएस), कन्फेडरेशन आफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) के अलावा टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी तथा विभिन्न क्षेत्रों की स्वतंत्र यूनियनों और महासंघों ने पिछले साल सितंबर में ही आठ जनवरी 2020 को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी थी। 

दस कर्मचारी संघों के परिसंघ ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा है, ‘‘श्रम मंत्रालय कर्मचारियों की किसी भी मांग को लेकर आश्वासन नहीं दे पाया। मंत्रालय ने दो जनवरी 2020 को कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई थी। सरकार की नीतियों और कार्रवाई से लगता है कि सरकार श्रमिकों के प्रति रवैया ठीक नहीं है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘हमारा मानना है कि आठ जनवरी 2020 को होने वाली आम हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक कामकाजी लोग भागीदारी करेंगे। सरकार की कर्मचारी विरोधी, जन विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ इस हड़ताल के बाद और भी कदम उठाये जायेंगे। 

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